आयुष्मान के पोर्टल में सेंधमारी, 300 फर्जी कार्ड बनाने के मामले में सांचीज के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध

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आयुष्मान भारत योजना के पोर्टल में सेंधमारी कर 300 फर्जी कार्ड बनाए जाने का मामला सामने आया है। इन कार्डों के माध्यम से करोड़ों रुपये का लाभ जालसाजों ने उठा लिया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो सांचीज (स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस एंड प्रबंधन) के कई अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई।

पुलिस के मुताबिक विभागीय मिलीभगत के बिना पोर्टल में सेंधमारी संभव नहीं है। आधार कार्ड और मोबाइल नंबरों की जानकारी भी कर्मचारियों की मदद से ही जालसाजों तक पहुंची थी। जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ माह पूर्व सांचीज के कई अधिकारी और कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए थे, जिनसे भी पुलिस पूछताछ करेगी।

सांचीज द्वारा बीते छह माह में हजरतगंज थाने में दो रिपोर्टें दर्ज कराई गई हैं। मगर एफआईआर दर्ज कराने के बाद अधिकारी जांच से संबंधित दस्तावेज पुलिस को देने में सहयोग नहीं करते। पूर्व में दर्ज मामले में भी ऐसा ही हुआ था। आयुष्मान योजना से जुड़ी सांचीज के तीन अधिकारियों की आईडी का दुरुपयोग कर जालसाजों ने करीब 10 करोड़ रुपये का गबन किया था। नोडल अधिकारी डॉ. बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने छह जून को अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कुछ महीनों बाद वह सेवानिवृत्त हो गए। पुलिस के अनुसार उस मामले में भी कई अहम दस्तावेज नहीं सौंपे गए थे।

हजरतगंज पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि सांचीज के लेखाधिकारी, मैनेजर और सीईओ की आईडी का उपयोग कर 22 रातों में 39 अस्पतालों को 10 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। एडीसीपी पूर्वी जितेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि जांच टीम गठित कर दी गई है और सभी बिंदुओं पर पड़ताल की जा रही है। जल्द ही संबंधित कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।