लखनऊ के निजी अस्पताल में डेंगू पीड़ित बच्चे की मौत: डॉक्टर पर नशे में इलाज का आरोप, नाराज परिजनों ने किया हंगामा

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चिनहट क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में डेंगू से पीड़ित 11 वर्षीय बच्चे की मौत के बाद हंगामा खड़ा हो गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि इलाज में लापरवाही बरती गई और डॉक्टर शराब के नशे में धुत होकर इलाज करता रहा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों ने सीएमओ से शिकायत की बात कही है।

गोमतीनगर विनीतखंड निवासी सीताराम ने बताया कि उनका बेटा संतोष (11) कुछ दिन पहले बुखार से पीड़ित हुआ था। पहले पास के क्लीनिक से दवा लेने पर कुछ राहत मिली थी, लेकिन 26 अक्टूबर की शाम अचानक उसकी सांस फूलने लगी। घबराए परिजनों ने उसे मल्हौर स्थित एमएमसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जांच के दौरान डेंगू की पुष्टि हुई और बच्चे की प्लेटलेट्स मात्र 22 हजार रह गईं।

इलाज शुरू किया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। सोमवार दोपहर उसकी हालत बिगड़ने पर उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। देर शाम इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। उनका कहना था कि डॉक्टर नशे में था और लापरवाही से इलाज करता रहा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। मृतक के बड़े भाई शिवजी ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए तहरीर दी है।

डॉ. एन.बी. सिंह, सीएमओ: “डेंगू से बच्चे की मौत की जानकारी नहीं है। डेट ऑडिट कराई जाएगी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने के साथ मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति की जाएगी।” आदित्य, मैनेजर, एमएमसी हॉस्पिटल: “बच्चे की हालत बेहद गंभीर थी। उसे डेंगू था और प्लेटलेट्स बहुत कम रह गई थीं। लापरवाही या डॉक्टर के नशे में इलाज करने के आरोप पूरी तरह गलत हैं।”