- प्रोफेसर रामचंद्र ने रचा विश्व कीर्तिमान, वर्ष 2025 में पूरे विश्व में 466 वीं रैंक प्राप्त हुई
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय ने एक बार फिर गौरवशाली उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय के पर्यावरणीय सूक्ष्म जैविकी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. रामचंद्र ने विश्व शिखर के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में स्थान प्राप्त कर विश्वविद्यालय और देश का नाम रोशन किया है। यह सूची प्रतिवर्ष अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रख्यात प्रोफेसर जॉन पी.ए. आयोडिस एवं इल्सेवियर प्रकाशन समूह के संयुक्त अध्ययन के आधार पर जारी की जाती है। इसमें वैज्ञानिकों को उनके शोध कार्य, प्रकाशनों की संख्या, गुणवत्ता और साइटेशन (citation) के आधार पर चयनित किया जाता है।
विश्व स्तर पर विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों को 22 प्रमुख श्रेणियों और 174 उप-क्षेत्रों में विभाजित कर इस सूची को तैयार किया गया है। इसी प्रक्रिया में प्रोफेसर रामचंद्र को वर्ष 2020 में पर्यावरण विज्ञान क्षेत्र में विश्व स्तर पर 21,359 वीं रैंक से लगातार प्रगति करते हुए वर्ष 2025 में 466 वीं रैंक प्राप्त हुई है। इसके साथ ही वे जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology) के क्षेत्र में भी शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल किए गए हैं।
प्रोफेसर रामचंद्र ने अब तक 171 से अधिक शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित किए हैं, जिनकी गुणवत्ता और वैज्ञानिक योगदान को वैश्विक स्तर पर सराहा गया है। इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल ने सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा यह हमारे विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है। प्रो. रामचंद्र सहित हमारे सभी वैज्ञानिकों ने अपने अथक परिश्रम, शोध और समर्पण से भारत का नाम विश्व पटल पर ऊंचा किया है। उन्होंने कहा कि बीबीएयू के शिक्षकों और शोधकर्ताओं का यह योगदान न केवल संस्था बल्कि पूरे देश के वैज्ञानिक समुदाय के लिए प्रेरणास्रोत है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी इसे संस्थान के शोध एवं नवाचार की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और भविष्य में भी ऐसे ही उत्कृष्ट शोध कार्यों को प्रोत्साहन देने की घोषणा की। इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय वैज्ञानिक अपने परिश्रम और शोध के दम पर आज विश्व वैज्ञानिक समुदाय में मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।