संभल: तालाब की जमीन पर बना अवैध मैरिज हॉल और मदरसे को ढहाया

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संभल जिले में बृहस्पतिवार को प्रशासन ने असमोली थाना क्षेत्र के रा या गांव में तालाब की जमीन पर अवैध रूप से बने एक मैरिज हॉल और मदरसे को ढहा दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ज़िला प्रशासन ने आरक्षित जमीन पर अवैध रूप से बनी एक मस्जिद से अतिक्रमण हटाने के लिए भी चार दिन का समय दिया है। अधिकारियों ने बताया कि मस्जिद समिति के सदस्यों ने कथित तौर पर खुद ही तोड़फोड़ की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि उनकी अदालत ने आरक्षित जमीन पर अवैध रूप से बनी मस्जिद को हटाने के साथ-साथ मैरिज हॉल को भी ढहाने का आदेश दिया था। सिंह ने कहा, लगभग 2,300 वर्ग मीटर में बने मैरिज हॉल को ढहा दिया गया है। मस्जिद समिति ने अतिक्रमण हटाने के लिए चार दिन का समय मांगा था, जिसे जिलाधिकारी ने मान लिया। इसके बाद से समिति ने स्वेच्छा से इस ढांचे को गिराना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि कब्जाधारियों को पहले दो नोटिस जारी किए गए थे जिसपर वे कार्यवाही में पेश तो हुए लेकिन लेकिन स्वामित्व के दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि दो सितंबर को ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया गया, जिसके बाद 30 दिनों की मोहलत दी गई। उन्होंने बताया कि मस्जिद लगभग 550 वर्ग मीटर में फैली है।

मस्जिद समिति के सदस्य और राया बुज़ुर्ग गांव के निवासी यासीन ने पुष्टि की कि प्रशासन के साथ चार दिनों के भीतर ज़मीन खाली करने का समझौता हुआ है। उन्होंने कहा, हमने मस्जिद को स्वयं ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि संबंधित भूमि तालाब क्षेत्र के अंतर्गत आती है। उन्होंने कहा, स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने के लिए 30 दिनों का नोटिस दिए जाने के बावजूद, कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद, प्रशासन ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी। इलाके में ड्रोन से निगरानी की गई और आस-पास के गांवों में सार्वजनिक घोषणाएं की गईं। उन्होंने बताया कि मैरिज हॉल और मदरसा दोनों को अवैध माना गया तथा अब अतिक्रमण हटाने वाली टीम ने उन्हें हटा दिया है।

जिलाधिकारी राजेंद्र पेसिया ने बताया कि पूरे जिले में अतिक्रमण विरोधी अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा, धारा 67 के तहत, प्लॉट संख्या 691, जो 2,310 वर्ग मीटर में फैली तालाब की ज़मीन के रूप में दर्ज है, के संबंध में नोटिस जारी किए गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले तीन-चार महीनों से इस मामले की सुनवाई चल रही थी और अनुपालन के लिए 30 दिन का समय दिया गया था। आज की तोड़फोड़ के दौरान राजस्व टीम मौके पर मौजूद थी।