महोबा के कंपोजिट विद्यालय के शिक्षक मनोज कुमार साहू ने सुप्रीम कोर्ट के TET अनिवार्यता आदेश के तनाव में आकर सोमवार को अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना से परिवार और शिक्षा जगत में शोक की लहर फैल गई है.
आपको बता दें कि शहर कोतवाली क्षेत्र के गांधीनगर मुहाल में सोमवार को कंपोजिट विद्यालय प्रेमनगर के शिक्षक 59 वर्षीय मनोज कुमार साहू द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई. मनोज कुमार साहू अनुकंपा भर्ती के माध्यम से विद्यालय में तैनात थे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तनाव में थे शिक्षक
बताया गया कि बीते सोमवार (1 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करने की अनिवार्यता के आदेश के बाद से वह मानसिक तनाव में थे. आदेश के अनुसार, नियुक्ति के दो वर्ष के भीतर TET परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है, अन्यथा नौकरी पर संकट आ सकता है.
परिजनों ने बताया कि मनोज परिवार की जिम्मेदारियों और नौकरी की चिंता के चलते पहले से ही चिंतित रहते थे. कोर्ट के आदेश के बाद उनकी चिंता और बढ़ गई और वह बार-बार परीक्षा पास करने की अनिवार्यता को लेकर तनाव जताते थे.
प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष ने क्या बताया?
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष भगत सिंह ने बताया कि रविवार (7 सितंबर) के दिन मनोज से उनकी बात हुई थी वो सिर्फ TET परीक्षा को लेकर ही बात कर रहे थे. रात में उन्हें क्या सुझी उन्होंने ये आत्मघाती कदम उठा किया. रोजाना की तरह सुबह 4:17 पर वॉट्सएप ग्रुप में सभी को गुड मॉर्निंग कहा और फिर अपनी दिनचर्या के तहत सुबह पांच बजे योगा के लिए छत पर गए.
जब काफी देर तक लौटकर नीचे नहीं आए तो पत्नी देखने गई जहां उन्हें फांसी के फंदे पर लटका देख सभी के होश उड़ गए. इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया है और परिजन रो-रोकर बेहाल हैं.
मौके पर पहुंची पुलिस टीम
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है. साथी शिक्षक और शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने इस आत्महत्या को अत्यंत दुखद बताया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कई शिक्षक मानसिक दबाव में हैं और सभी को संयम बनाए रखने तथा आत्महत्या न करने की अपील की.
शिक्षक संघ ने आश्वस्त किया कि वह शिक्षकों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे. बहरहाल, मनोज की मौत ने न केवल उनके परिवार को शोक में डुबो दिया है, बल्कि शिक्षा जगत को भी गहरा आघात पहुंचाया है.