संभल की डेमोग्राफी में बदलाव पर बोले आचार्य प्रमोद कृष्णम- यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण

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उत्तर प्रदेश स्थित संभल में 24 नंवबर 2024 को हुई हिंसा के बाद तीन सदस्यों की कमेटी बनाई गई थी जिसने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के समक्ष 450 पन्नों की रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट के अंदर पुराने दंगों की तारीखों से लेकर मौतें, प्रशासन की कार्रवाई और फिर दंगे के बाद के हालातों का जिक्र है.

अब इस रिपोर्ट में डेमोग्राफी में बदलाव पर धर्मगुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम का बयान सामने आया है. प्रमोद कृष्णम ने हिंदुओं की घटती आबादी और पलायन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. जिसमें उन्होंने कहा है कि 15 फीसदी हिंदु आबादी पर होने कहा यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

क्या बोले आचार्य प्रमोद कृष्णम?

इस रिपोर्ट पर न्यूज 18 से बात करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि  यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन संभल के साथ यह अन्याय देश की आजादी के बाद से ही शुरु होना शुरु हो गया था. उन्होंने आगे कहा हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था लेकिन ये जो संभल का इलाका है इसे अंग्रेजों से तो आजादी मिली लेकिन कुछ लोगों से नहीं मिली थी.

उन्होंने आगे कहा कि इसमें कुछ लोग ऐसे थे जो अपना आदर्श भारत को, सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी को नहीं मानते थे वो लोग मोहम्मद अली जिन्ना को अपना आदर्श मानते थे उन्होंने संभल पर हुकुमत की और कई बार एमएलए बने, मिनिस्टर बने और सासंद बने तो संभल में उन्हीं की हुकुमत चलती थी.

पुराणों में है संभल का जिक्र- आचार्य प्रमोद कृष्णम

उन्होंने आगे बातचीत में कहा कि जब उन लोगों की ही हुकुमत चलती थी तो उसकी वजह से संभल में कई बार दंगे हुए और धीरे-धीरे वहां से हिदुंओं का पलायन हुआ जो बहुत ही बड़ा दुर्भाग्य है और संभल वह जगह है जिसका जिक्र का पुराणों में है. पुराणों में लिखा है कि भगवान विष्णु का अंतिम अवतार श्री कल्कि अवतार संभल की धरती पर होगा.

वहीं उन्होंने बताया कि इसी को आधार मानते हुए पिछले वर्ष 19 फरवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभल आए थेऔर श्री कल्कि धाम का शिलान्यास किया था जहां पर भगवान के आने से पहले श्री कल्कि धाम का निर्माण हो रहा है. कल्कि धाम के निर्माण पर डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क जब पावर में थे तो उनकी हुकुमत चलती थी उन्होंने कल्कि धाम के निर्माण पर भी पाबंदी लगा दी थी.