उत्तर प्रदेश के कानपुर में ब्राह्मण युवक सत्यम त्रिवेदी की कथित पुलिस प्रताड़ना का मामला तूल पकड़ रहा है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा, जिसके जवाब में भाजपा के राज्यसभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने अखिलेश पर तीखा पलटवार किया. दिनेश शर्मा ने सपा की राजनीति को “जातिवादी और ढोंग” करार देते हुए कहा कि अखिलेश ब्राह्मणों को लेकर केवल वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं.
दिनेश शर्मा ने कहा कि ब्राह्मणों के उत्पीड़न जैसी कोई बात नहीं है. पूरे प्रदेश में हर जाति और धर्म के लोगों के साथ एक समान व्यवहार हो रहा है. इस मामले में जांच चल रही है और अगर पुलिस दोषी हुई तो उस पर भी कार्रवाई होगी.
क्या है सत्यम त्रिवेदी का मामला?
बता दें कि कानपुर के पनकी थाने में सत्यम त्रिवेदी ने पड़ोसी के साथ नाली विवाद की शिकायत दर्ज कराने गए थे. सत्यम का आरोप है कि इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह ने उन्हें जूतों से पीटा, अपमानित किया और ब्राह्मण समुदाय को गालियां दीं. सत्यम ने सोमवार को लखनऊ में अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी पीड़ा बयां की, जहां वह फूट-फूटकर रो पड़े.
अखिलेश यादव का योगी सरकार पर हमला
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने इस मामले को ब्राह्मण उत्पीड़न से जोड़ते हुए योगी सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कह कि पुलिस का काम जनता की रक्षा करना है, लेकिन योगी सरकार में पुलिस ही अत्याचार कर रही है. सत्यम जैसे युवाओं के साथ ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं होगा. अखिलेश ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में ब्राह्मण समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है, और पुलिस पोस्टिंग में जातिगत भेदभाव हो रहा है.
दिनेश शर्मा का तीखा पलटवार
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने अखिलेश के बयान को “जातिवादी राजनीति का हथकंडा” बताते हुए पलटवार किया. एबीपी न्यूज से बात करते हुए दिनेश शर्मा ने कहा कि अखिलेश यादव का PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नारा एक छलावा है. सपा राज में ब्राह्मणों और अन्य वर्गों के साथ अत्याचार हुए. अब चुनावी मौसम में ब्राह्मण प्रेम दिखाना उनकी पुरानी रणनीति है. दिनेश शर्मा ने सपा पर अपराधियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया और कहा कि सत्यम के मामले की जांच चल रही है, जो भी दोषी होगा उस पर कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी. अगर पुलिस दोषी निकली तो वे भी नहीं बचेंगे. हमारी सरकारमे जाति और धर्म देखकर कोई कार्रवाई नहीं होती. अखिलेश यादव इसे जाति से जोड़कर समाज को बांटना चाहते हैं.