आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद आज बुधवार (13 अगस्त) को गोरखपुर पहुंचे. नगीना सांसद जिला गोरखपुर में आयोजित “अस्तित्व बचाओ–भाईचारा बनाओ” प्रबुद्ध जनसम्मेलन में शामिल हुए और उन्होंने यहां पर अपने छह बड़े मुद्दे सामने रखे.
नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर ओबीसी की जातिवार जनगणना का मुद्दा, आरक्षण और संविधान पर विश्लेषण, EVM प्रणाली का लोकतंत्र पर प्रभाव, दलित, पिछड़े, आदिवासी वर्ग एवं अल्पसंख्यकों व मुस्लिमों पर बढ़ते अत्याचार, प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग और मंडल कमीशन की सिफारिशों का पूर्ण क्रियान्वयन के मुद्दों का जिक्र किया है.
1. ओबीसी की जातिवार जनगणना का मुद्दा:
केन्द्र सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की जाति आधारित जनगणना को जानबूझकर न कराना, सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ एक सोचा-समझा षड्यंत्र है. यह बहुजन समाज की वास्तविक संख्या और उनके अधिकारों को दबाने का एक प्रयास है.
2. आरक्षण और संविधान पर विश्लेषण:
वर्तमान शासन व्यवस्था आरक्षण को निष्प्रभावी करने तथा संविधान की मूल भावना को कमज़ोर करने में लगी हुई है. हमें परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए सतत जागरूक और संगठित रहना होगा.
3. EVM प्रणाली का लोकतंत्र पर प्रभाव:
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के माध्यम से चुनाव कराना लोकतंत्र की पारदर्शिता और जनविश्वास के विरुद्ध है. यह व्यवस्था शासक वर्ग के षड्यंत्र का हिस्सा प्रतीत होती है, जिसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को नियंत्रित करना है.
4. दलित, पिछड़े, आदिवासी वर्ग एवं अल्पसंख्यकों व मुस्लिमों पर बढ़ते अत्याचार:
वर्तमान समय में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समाज पर होने वाले अत्याचारों में चिंताजनक वृद्धि हो रही है. यह न केवल संवैधानिक मूल्यों पर आघात है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी छिन्न-भिन्न करने वाला संकट है.
5. प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग:
सरकारी क्षेत्र के निजीकरण के कारण आरक्षण प्राप्त अवसर सीमित होते जा रहे हैं. अतः यह आवश्यक है कि प्राइवेट सेक्टर में भी अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिले, ताकि समावेशी विकास सुनिश्चित किया जा सके.
6. मंडल कमीशन की सिफारिशों का पूर्ण क्रियान्वयन:
मंडल कमीशन ने सामाजिक न्याय को स्थापित करने हेतु जिन सिफारिशों को प्रस्तुत किया था, उनका पूर्ण रूप से लागू किया जाना समय की आवश्यकता है.