यूपी के बरेली में चलती ट्रेन में छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप में बर्खास्त किए गए जीआरपी के हेड कांस्टेबल तौफीक अहमद को कोर्ट के आदेश पर दोबारा सेवा में बहाल कर दिया गया है. दरसल यह मामला जनवरी 2023 का है, जब प्रयागराज से बरेली आ रही छात्रा के साथ ट्रेन में अभद्रता हुई थी.
जांच में दोषी पाए जाने पर तत्कालीन आईजी डॉक्टर राकेश सिंह ने सिपाही को नौकरी से हटा दिया था, लेकिन बाद में सिपाही की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बर्खास्तगी को चुनौती दी गई. सिपाही के केस को खुद आईजी की बेटी ने लड़ा और उसकी वर्दी को वापस दिलाया.
घटना के अनुसार, 12 जनवरी 2023 को पीलीभीत निवासी छात्रा त्रिवेणी एक्सप्रेस से बरेली आ रही थी. दोपहर करीब 2:11 बजे बरेली जंक्शन पहुंचने पर अधिकतर यात्री ट्रेन से उतर गए. आरोप है कि इसी दौरान ड्यूटी पर मौजूद हेड कांस्टेबल तौफीक अहमद ने छात्रा को अकेले देखकर छेड़छाड़ की.
पीड़िता ने तुरंत जीआरपी थाने में शिकायत दर्ज कराई. विभागीय जांच के बाद कांस्टेबल को बर्खास्त कर दिया गया. अब इस मामले पर कोर्ट ने सिपाही की सेवा को बहाल कर दिया है जिससे सिपाही अब फिर से अपनी नौकरी को शुरू कर पाएगा.
कोर्ट ने रद्द किया बर्खास्तगी का आदेश
बात दें इस घटना के बाद सिपाही को आईजी ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया था जिसके बाद सिपाही ने आईजी की वकील बेटी को अपना केस सौंपा और कोर्ट में वकील ने दलीलें पेश की जिसमें उन्होंने कहा कि जांच में खामियां पाई गई हैं. सिपाही के पक्ष में पेश हुईं अधिवक्ता अनुरा सिंह ने कोर्ट में दलील दी कि जांच प्रक्रिया में खामियां रहीं और बर्खास्तगी का आदेश अनुचित था.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी का आदेश रद्द करते हुए कांस्टेबल को सेवा में पुनः बहाल करने का निर्देश दिया. हालांकि, आरोप से जुड़ा मुकदमा अभी भी अदालत में लंबित है. फिलहाल अब यह मामला आईजी की वकील बेटी की वजह से चर्चा में आ गया है और लोग वकील की जमकर तारीफ कर रहे हैं.