प्रशांत किशोर हुए और मजबूत, पूर्व मंत्री और विधायक रहे इस कद्दवार नेता ने थामा जन सुराज का दामन

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 बिहार में इस साल (2025) होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अलग-अलग पार्टियों में पुराने नेताओं के शामिल होने का सिलसिला शुरू हो गया है. कभी कांग्रेस (Congress) के प्रति समर्पित रहने वाले और बाद में जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) में प्रमुख दायित्व निभाने वाले जीएस रामचंद्र दास ने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की पार्टी जन सुराज का दामन थाम लिया है. वे पूर्व मंत्री के साथ-साथ तीन बार (2 बार बाराचट्टी और 1 बार बोधगया से) विधायक रह चुके हैं.

गुरुवार (15 मई, 2025) को जीएस रामचंद्र दास (GS Ramchandra Das) को उनके कई समर्थकों के साथ प्रशांत किशोर ने अपने शेखपुरा हाउस में पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस दौरान जीएस रामचंद्र दास ने कहा कि प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव की जो मुहिम है उससे प्रेरित होकर ही वह पार्टी (जन सुराज) में आए हैं.

मांझी की पार्टी में नहीं मिली तरजीह

जीएस रामचंद्र गया जिले के रहने वाले हैं. इस क्षेत्र से वह तीन बार विधायक भी रह चुके हैं. कांग्रेस की सरकार में वह मंत्री भी रह चुके हैं. बदलते समय में कांग्रेस का जब जनाधार खत्म हुआ तो वह अपने जिले के नेता जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा में चले आए. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर कई सालों तक बन रहे. हालांकि इस पार्टी में उन्हें तरजीह नहीं दी गई. यही वजह है कि मांझी की पार्टी को उन्होंने अब टाटा बाय-बाय कर दिया है. अब उन्होंने प्रशांत किशोर पर भरोसा जताया है.

बता दें कि जीएस रामचंद्र दास 1980 और 1985 में बाराचट्टी से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे. वे भवन निर्माण, पीडब्ल्यूडी और बाद में श्रम एवं नियोजन मंत्री रहे. अपने समय में जीएस रामचंद्र काफी जुझारू नेता रहे हैं. उनके कार्यकाल में मोहनपुर को प्रखंड, शेरघाटी को अनुमंडल और डोभी को प्रखंड का दर्जा मिला था. 1998 में वे उपचुनाव जीतकर फिर विधानसभा पहुंचे, जब मालती दास के नवादा से सांसद बनने के बाद सीट खाली हुई थी.