- विषय – असाध्य एवं जटिल बीमारियों में होम्योपैथी की समग्र सफलता में होम्योपैथिक फार्मेसी की असीमित संभावनाएं
आर्यकुल ग्रुप ऑफ कालेज के आर्यकुल होम्योपैथिक कालेज द्वारा असाध्य एवं जटिल बीमारियों में होम्योपैथी की समग्र सफलता में होम्योपैथिक फार्मेसी की असीमित संभावनाएं विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें ग्रुप के प्रबंध निदेशक डॉ.सशक्त सिंह,श्रीमति रूचि सिंह और मुख्य वक्ता के रूप में होम्योपैथिक के विषय विशेषज्ञ डॉ.शिवम् पांडेय ने होम्योपैथिक फार्मेसी (डी.एच.पी.) के छात्र—छात्राओं को असाध्य एवं जटिल बीमारियों का होम्योपैथिक के इलाज के बारे में संपूर्ण जानकारी दी।
आर्यकुल कॉलेज के प्रबंध निदेशक डॉ. सशक्त सिंह ने कहा कि आर्यकुल कॉलेज होम्योपैथिक फार्मेसी के क्षेत्र में 5 वर्षों से लखनऊ, सीतापुर और रायबरेली में लगातार बच्चों को डिप्लोना इन होम्योपैथिक फार्मेसी कोर्स के माध्यम से शिक्षित एवं प्रशिक्षित कर रहा है, जिसमें पास हुए अधिकतर बच्चे पूर्ण रूप से होम्योपैथिक चिकित्सा के क्षेत्र में रोजगार कर अपने जीवन को मानवता की भलाई के लिए समर्पित कर रहे हैं उन्होंने कहा कि चिकित्सा का क्षेत्र कोई भी हो उद्देश्य सिर्फ एक होना चाहिए की बीमारी कैसे ठीक हो इसी विषय में विश्व होम्योपैथिक दिवस पर होम्योपैथिक के जनक डॉक्टर हैनिमैन को मेरा शत-शत नमन कि उन्होंने इस पद्धति को लाकर जटिल से जटिल रोगों को ठीक करने का उस जमाने में संकल्प लिया और उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलते हुए आज भारत सहित विश्व के कई देश होम्योपैथिक चिकित्सा के क्षेत्र में लगातार बेहतर से बेहतर कार्य कर रहे हैं आज होम्योपैथिक एक ऐसा शस्त्र बन गया है की बीमारी कोई भी हो अगर वह पकड़ में आ गई तो उसकी जड़ से समाप्त किया जा सकता है यही नहीं होम्योपैथिक में हुए शोधों की अगर बात करें तो कैंसर तक के मरीजों को पूर्ण रूप से होम्योपैथिक के द्वारा ठीक किया गया है जो कि इस बात का प्रमाण है कि होम्योपैथी मनुष्य के शरीर के किसी भी रोग को पूर्ण रूप से ठीक करने में 100 प्रतिशत सफल है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए डॉक्टर शिवम् पांडे ने कहा कि आज होम्योपैथ का युग आ गया है क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि अगर कोई रोग पूर्ण रूप से समाप्त हुआ है तो वह सिर्फ होम्योपैथिक चिकित्सा की ही देन है। इसलिए होम्योपैथ वह चिकित्सा पद्धति है जो मुर्दे में भी जान फूंक देती है दूसरे अर्थों में अगर कहा जाए तो मरते हुए को बचाने का काम होम्योपैथी से किया जा सकता है डॉक्टर हैनिमैन ने होम्योपैथी की क्लासिकल पद्धति से ऐसे ऐसे रोगों को ठीक किया है जिनके बारे में आज भी विज्ञान जगत हतप्रत है। असाध्य रोगों की अगर बात की जाए तो होम्योपैथी की क्लासिकल पद्धति में सिर्फ एक दवा देकर ही मरीज के शरीर की सभी बीमारियों को काबू में लाया जा सकता है क्योंकि व्यक्ति का व्यवहार ही कहीं ना कहीं उसकी बीमारियों का कारण बनता है अगर हमारे व्यवहार में परिवर्तन आता रहता है तो होम्योपैथी की दवाइयां भी परिवर्तित होती रहेगी एक अच्छे होम्योपैथिक डॉक्टर का कार्य है कि वह इस व्यवहार को पकड़कर ही इलाज करें तभी बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।