(www.arya-tv.com) दिल्ली में आयोजित होने जा रहे वर्ल्ड बुक फेयर (विश्व पुस्तक मेला) में विश्व की लगभग सभी मान्यता प्राप्त भाषाओं प्रमुख देशों के साथ भारतीय भाषाओं में सिंधी भाषा के प्रसार, संरक्षण व संवर्धन का उद्देश्य लिए सिंधी भाषा की दुर्लभ पुस्तकों का स्टाल भी लगाया जा रहा है।
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की स्वायत्तशासी संस्था राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के सदस्य प्रतिनिधि विश्व प्रकाश “रूपन ” ने यह जानकारी देते हुए बताया की सिंधी भाषा की हर उम्र वर्ग की पुस्तकें इस स्टाल पर आकर्षण का केंद्र होंगी तो वहीं प्रशासनिक सेवाओं में जाने का लक्ष्य लिए तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए भी यहां बहुत कुछ होगा।
श्री रुपन ने बताया कि एक फरवरी से प्रारंभ यह पुस्तक मेला नौ फरवरी 2025 तक दिल्ली के प्रगति मैदान पर चलेगा
साथ ही सिंधी भाषा की पुस्तकों का स्टाल हाल नंबर दो व तीन के स्टाल नंबर Q-08 पर रहने वाला है।
एन. सी. पी.एस. एल. के उपाध्यक्ष डा मोहन मंघनानी व निदेशक प्रो डा रवि प्रकाश टेकचंदानी के मार्गदर्शन व निर्देश पर परिषद के अनुभवी अधिकारी स्वयं इसकी व्यवस्था देखेंगे।
सिंधी भाषा के नियमित रूप से सभी भारतीय भाषाओं के साथ मिलकर देश के भविष्य स्वजातीय युवाओं का उनकी रुचि व योग्यतानुसार उनमें और क्षमता का विकास करने में पूर्ण रूप से सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य कर रहे निदेशक प्रो रवि प्रकाश टेकचंदानी के भाषा के विकास में उनके शानदार समर्पण की परिषद के माननीय सदस्य प्रतिनिधियों में सर्व श्री प्रो वासुदेव देवनानी विधानसभा अध्यक्ष राजस्थान सरकार राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय सिंधु सभा भगतराम छाबड़ा,सांसद इंदौर शंकर जी लालवानी,मनीष देवनानी, वरिष्ठ पत्रकार अशोक मूलचंदानी राजस्थान,उमा जगतियानी शिलांग, प्रो वंदना खुशालानी महाराष्ट्र, प्रो कविता आसनानी गोवा,डा कन्हैयालाल खटवानी बैंगलौर, विश्व प्रकाश “रूपन ” के साथ ही देश के प्रमुख सामाजिक संस्थाओं के प्रमुख प्रतिनिधियों ने
भूरि भूरि प्रशंसा की है।
मनीष देवनानी व डा कन्हैयालाल खटवानी ने कहा कि प्रशासनिक सेवाओं में जाने की तैयारी में जुटे युवाओं के साथ हर उम्र वर्ग के लोगों के लिए यहां पुस्तकें उपलब्ध रहने वाली हैं।