गडकरी ने कह दी दिल की बात :गड्ढे युक्त, कीचड़ से सनीं टूटी-फूटी सड़कें हों तो टोल टैक्स किस बात का?

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WWW.ARYATV.COM/नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर सड़कें अच्छी हालत में नहीं हैं। लोगों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो, तो राजमार्ग एजेंसियों द्वारा टोल वसूलने का कोई औचित्य नहीं है। वे सैटेलाइट आधारित टोलिंग पर एक वैश्विक कार्यशाला में बोल रहे थे, जिसे इस वित्तीय वर्ष के दौरान 5,000 किलोमीटर तक लागू किया जाएगा। अपनी बातों को बेबाकी से कहने के लिए मशहूर गडकरी ने कहा, ‘अगर आप अच्छी सेवाएं नहीं देते हैं, तो आपको टोल नहीं वसूलना चाहिए। हम उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने और अपने हितों की रक्षा करने के लिए टोल वसूलने की जल्दी में हैं। सड़क की हालत अच्छी नहीं होती है तो मुझे ढेरों शिकायतें मिलती हैं और सोशल मीडिया पर हर जगह पोस्ट होते हैं। आपको उपयोगकर्ता शुल्क वहीं वसूलना चाहिए जहां आप सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली सड़क प्रदान नहीं करते हैं। अगर आप गड्ढों और कीचड़ वाली सड़कों पर टोल वसूलते हैं, तो लोगों की नाराजगी होगी। हमें (राजनीतिक नेताओं को) लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ता है।’

लोगों को न हो परेशानी

मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग एजेंसियों के क्षेत्रीय अधिकारियों को टोल प्लाजा पर लंबे समय तक इंतजार करने के कारण लोगों को होने वाली परेशानी के प्रति अधिक संवेदनशील होना चाहिए तथा शिकायत दर्ज करने और उनके त्वरित निवारण के लिए एक तंत्र होना चाहिए। हालांकि सरकार ने 2021 में राजमार्गों पर टोल भुगतान के लिए फास्टैग का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है, जिससे टोल लेन के माध्यम से निर्बाध यात्रा की जा सके और वर्तमान में लगभग 98% लेन-देन वाहनों पर लगे इन स्मार्ट टैग के माध्यम से हो रहा है। लेकिन देश भर से प्लाजा पर कतारों की कई रिपोर्टें आई हैं। इसे खत्म करने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) बेस्ड टोल संग्रह के रोल आउट और विस्तार पर काम कर रहा है। इसका उद्देश्य अगले कुछ वर्षों में NH नेटवर्क से टोल गेट हटाना है।

कमर्शियल वाहनों से होगी शुरुआत

राजमार्ग प्राधिकरण इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का प्रस्ताव करता है, जिसमें केवल वाणिज्यिक वाहनों से शुरुआत की जाएगी और टोल प्लाजा के प्रत्येक तरफ एक लेन समर्पित की जाएगी ताकि वे बिना रुके गुजर सकें। वाणिज्यिक वाहनों के लिए वाहन ट्रैकर सिस्टम (वीटीएस) स्थापित करना अनिवार्य है, जो एक ऑन बोर्ड इकाई है, जो जीएनएसएस-आधारित टोलिंग के लिए जरूरी है। सरकार अगले चरण में निजी वाहनों को भी इस टोल प्रणाली के अंतर्गत लाने की योजना बना रही है। गडकरी ने कहा कि सिस्टम (जीएनएसएस) आधारित टोल संग्रह से सरकार के टोल राजस्व में 10,000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा।