- संदेशखाली की महिलाओं पर घृणित अत्याचार में संकीर्ण राजनीति से प्रेरित ममता सरकार की संलिप्तता दुर्भाग्यपूर्ण,केंद्रीय एजेंसी द्वारा उच्च स्तरीय जांच से पीड़ितों को मिले त्वरित न्याय:अंकित शुक्ल
- पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने हेतु अभाविप द्वारा राष्ट्रपति को प्रेषित किया गया ज्ञापन
(www.arya-tv.com)अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लखनऊ विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ताओं द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार गेट संख्या एक पर संदेशखाली प्रकरण के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन कर ममता सरकार का पुतला फूंका गया एवं कार्यकर्ताओं द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित लखनऊ जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया। अभाविप ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा हिंदू घरों से जबरन नाबालिग कन्या व महिलाओं को चिन्हित कर उनका भयपूर्वक अपहरण कर पार्टी कार्यालय में लाकर अत्याचार, दुराचार करने के कृत्यों की कड़े शब्दों में भर्त्सना की है तथा इस संबंध में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ला ने कहा कि,” संदेशखाली में बंगाल सरकार द्वारा संपोषित हिंसा व अत्याचार दुर्भाग्यपूर्ण है जो ममता बनर्जी सरकार की महिला विरोधी छवि को उजागर करती है। हिंदू महिलाओं को चिन्हित कर टीएमसी कार्यालय में महिलाओं व नवयुवतियों के साथ जबरन दुराचार के अनेकों प्रकरण सामने आए हैं।सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करते हुए टीएमसी द्वारा इस प्रकरण को समाज से दूर रखने के भी काफी प्रयत्न किए गए हैं। अभाविप संदेशखाली की इस कुत्सित घटना को समाज तक पहुंचाने व पीड़ितों को न्याय दिलाने हेतु देशव्यापी आंदोलन कर रही है ,तथा राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की मांग कर रही है।”
विगत 10 फरवरी को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस के संदेशखाली दौरे के कारण इस वीभत्स शोषण की सच्चाई वृहद् जनमानस के समक्ष आई है।अभाविप की अवध प्रांत छात्रा कार्य संयोजक सृष्टि सिंह ने कहा कि टीएमसी के नेताओं द्वारा हिंदू महिलाओं का दिन प्रतिदिन जबरन अपरहण कर अत्याचार एवं दुराचार करने के अनेक प्रकरण सामने आते हैं, जो किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है, ममता सरकार को इस पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए और प्रदेश की कानून व्यवस्था को ठीक करना चाहिए।
क्षमा श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाएं मातृशक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं ममता बनर्जी खुद एक महिला हैं अगर उनके दिल में नारी के प्रति करुणा नहीं है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
आज इसी संबंध में अभाविप लखनऊ विश्वविद्यालय इकाई द्वारा ममता सरकार का पुतला फूंका गया एवं राष्ट्रपति को पत्र लिखकर राज्य सरकार की प्रकरण में संलिप्तता की केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच करवाने, महिलाओं पर हिंसा एवं उनकी सामूहिक अस्मिता के हनन करने एवं संबंधित प्रकरण की शिकायत हेतु हेल्पलाइन नंबर जारी करने, पीड़ित महिलाओं को नि:शुल्क सहायता उपलब्ध कराने, मनोवैज्ञानिक द्वारा मानसिक रूप से पीड़ित महिलाओं को सहायता दिलवाने एवं भय-मुक्त संदेशखाली बनाने में केंद्रीय बलों की प्रतिनियुक्ति की मांग की है। अभाविप द्वारा संदेशखाली प्रकरण के विरुद्ध पुदुच्चेरी में आयोजित केंद्रीय कार्यसमिति बैठक में प्रस्ताव भी पारित किया गया है।
इस प्रदर्शन में इकाई अध्यक्ष जयव्रत राय, इकाई मंत्री जतिन शुक्ला,भूपेंद्र सिंह, विकास तिवारी, रिशेंद्र सिंह,प्रियंका ठाकुर, अनुराग मिश्रा,नलिन प्रताप सिंह,खुशबू झा,अन्तिमा दुबे,प्रिया सिंह,साक्षी सिंह, आराध्या सिंह,कुसुम कनौजिया,पल्लवी गुप्ता,आनंद मोहन मिश्रा,लक्ष्य दुबे, हिमांशु सिंह बघेल, सिद्धार्थ त्रिपाठी,वैभव जोशी,वैभव पांडे आदर्श यादव, रुद्र कोरी, विकास मिश्रा,अभिषेक सिंह, देवेन्द्र प्रताप सिंह, अनुराग काकराण, सहित सैकड़ों सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे ।