इस मुस्लिम देश ने दिया भारत की कंपनी को सबसे बड़ा ऑर्डर, क्यों खरीद रहा 1867 करोड़ के तोप के गोले?

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(www.arya-tv.com) देश के इतिहास में किसी भारतीय डिफेंस कंपनी को अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर मिला है. भारत की डिफेंस कंपनी म्यूनिशन्स इंडिया (Munitions India Limited) से सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने 1867 करोड़ रुपये (225 मिलियन डॉलर) कीमत के 155एमएम तोप के गोले खरीदने का सौदा किया है. मध्य पूर्व में इजरायल और हमास के टकराव के बीच सऊदी अरब ने भारत से तोप के इतने ज्यादा गोलों की खरीद के लिए सौदे पर हस्ताक्षर किया है. यह सौदा रियाद डिफेंस एक्सपो के दौरान किया गया.

यह सौदा भारत की डिफेंस कंपनियों के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर बताया जा रहा है. भारत सरकार ने देश के हथियार कारखानों में आजादी और कुशलता बढ़ाने के लिए 1 अक्टूबर, 2021 से 41 कारखानों को पब्लिक सेक्टर की 7 डिफेंस कंपनियों में बांट दिया गया. इससे पहले 2017 और 2019 में यूएई ने 155 मिमी तोप के 40,000 और 50,000 गोले खरीदे थे. 2017 में ऑर्डर का दाम लगभग 4 करोड़ डॉलर और 2019 में 4.6 करोड़ डॉलर था. एमआईएल कंपनी ने सोशल मीडिया पर इस सौदे की घोषणा की.

रियाद डिफेंस एक्सपो बड़ा मंच
एमआईएल भारतीय रक्षा मंत्रालय की सहायक कंपनी है. यह न केवल 155 मिमी. बल्कि 105 मिमी. और 125 मिमी. के तोप के गोलों को बनाने वाली बड़ी कंपनी है. तोप के अलावा यह कंपनी बड़ी विनिर्माण कंपनी कई दूसरे सैन्य उपयोगों के लिए गोला-बारूद मुहैया कराती है. रियाद डिफेंस एक्सपो सऊदी अरब के लिए दक्षिण कोरिया, ईरान और चीन के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए एक अच्छे मंच के रूप में काम कर रहा है. एक्सपो में रूस की भी बड़ी मौजूदगी है.

155 मिमी. की तोपें बहुत कारगर
सुरक्षित दूरी से दुश्मन के ठिकानों को खत्म करने के लिए जमीनी सेना में 155 मिमी. की बोफोर्स जैसी हॉवित्जर तोपों की बहुत मांग की जाती है. ऐसी तोपें अपने तैनाती के आधार पर 15 से 20 मील (24 से 32 किलोमीटर) दूर तक के लक्ष्य पर हमला कर सकती हैं. इससे दुश्मन को आने वाली फायरिंग के बारे में ज्यादा चेतावनी नहीं मिलती. संयुक्त अरब अमीरात और आर्मेनिया 155 मिमी. तोप के गोले के भारत के ग्राहक रहे हैं.