(www.arya-tv.com) कौशांबी. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ हिंदूवादी संगठनों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है. यूपी के कौशांबी जिले में रविवार को हिंदूवादी संगठनों ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर हमला किया. सैनी थाना क्षेत्र के करन चौराहे के पास सैकड़ों की संख्या में एकत्र हुए हिंदू जगरण मंच के कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले का घेराव कर हमला किया. इसके साथ ही काला झंडा दिखाकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया है.
आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य मुर्दाबाद के भी नारे भी लगाए. हालांकि, इस दौरान पुलिस फोर्स ने बमुश्किल स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले को आगे रवाना किया. बता दें कि मंझनपुर मुख्यालय में राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव का आयोजन किया गया था. बौद्ध महोत्सव में शामिल होने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य कौशांबी पहुंचे थे, जहां उन्हें हिंदू जागरणमंच के कार्यकर्ताओं के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. हालांकि, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर हमले का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने हिंदूवादी संगठनों के दो कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है.
स्वामी प्रसाद के बयानों से हिंदू भावनाएं आहत
हिंदूवादी संगठनों ने कहा कि हमारे देवी-देवताओं को अपमानित करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म के देवी-देवताओं पर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. उनके बयान से हिंदू धर्मावलंबियों की भावनाएं आहत हो रही हैं. उन पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कोई कार्रवाई भी नही कर रहें है. वहीं सीओ सिटी अभिषेक सिंह ने बताया कि मंझनपुर अंर्तगत राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य शामिल होने आ रहे थे. जिन पर रास्ते में कुछ लोगों द्वारा काले झण्डे दिखने का प्रयास किया गया. इस दौरान मौजूद पुलिस बल द्वारा उन्हें तत्काल हटा दिया गया. मामले में अन्य आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कही ये बात
वहीं हिंदूवादी संगठनों द्वारा काला झंडा दिखाकर विरोध प्रदर्शन करने के सवाल पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि पहले काला झंडा सत्तापक्ष के लोगों को दिखाया जाता था. मुझे खुशी है कि आज सत्तापक्ष के लोग विपक्ष को काला झंडा दिखाते हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य विपक्ष में होते हुए भी सत्ता पक्ष के लिए भारी पड़ रहे है और भय का कारण बने हुए है. इसका मतलब स्वामी प्रसाद मौर्य सत्ता पक्ष पर भारी पड़ रहे है.