मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरेस्ट वीवो के अधिकारियों पर आया चीन बयान, जानिए भारत से क्या कहा

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(www.arya-tv.com) चीन ने सोमवार को कहा कि वह भारत में गिरफ्तार किए गए चीन के स्मार्टफोन निर्माता वीवो के कर्मचारियों को कांसुलर सुरक्षा और सहायता मुहैया करेगा।

चीन ने यह भी कहा कि वह भारतीय बाजार में अपने चीनी बिजनसेस के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करते हुए उनके मजबूत समर्थन में खड़ा है। पिछले हफ्ते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चीनी कंपनी वीवो और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले में वीवो इंडिया के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।

इस बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग (Mao Ning) ने सोमवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन इस मामले पर करीब से नजर रखे हुए है।

उन्होंने कहा, ‘भारत में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावास कानून के अनुसार संबंधित व्यक्तियों को कांसुलर प्रॉटेक्शन और असिस्टेंस प्रदान करना जारी रखेंगे।’

माओ ने आगे कहा, ‘चीनी सरकार अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करने में चीनी बिजनसेस का दृढ़ता से समर्थन करती है।

हम उम्मीद करते हैं कि भारत हमारे दोनों देशों के बीच व्यापार सहयोग के परस्पर लाभकारी स्वरूप को पूरी तरह से पहचान लेगा और एक निष्पक्ष, न्यायपूर्ण, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण व्यापार वातावरण प्रदान करेगा।’

चीनी नागरिक और वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ हांग शूक्वान उर्फ टेरी (Hong Xuquan alias Terry), कंपनी के सीईओ हरिंदर दाहिया और सलाहकार हेमंत मुंजाल को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया है।

जांच एजेंसी ने पहले इस मामले में चार गिरफ्तारियां की थीं, जिनमें मोबाइल कंपनी लावा इंटरनैशनल के एमडी हरिओम राय, चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग और चार्टर्ड एकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक शामिल थे। वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।