(www.arya-tv.com) साल 2023 अंतिम दौर में हैं। नए साल को आने में महज 9 दिन बचे हैं। साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिसंबर तक 52,191 केसों का निपटारा किया है। यह सुप्रीम कोर्ट में इस साल दर्ज 49,191 मामलों से 3,000 अधिक है।
साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने कई ऐतिहासिक फैसले किए। इन फैसलों का असर सालों-साल तक रहेगा। इनमें धारा-370, समलैंगिक शादी, महिलाओं के लिए कठोर शब्द बदलने वाली सुप्रीम कोर्ट की हैंडबुक जैसे मामले शामिल हैं।
नए शब्द
सुप्रीम कोर्ट ने जजों को अदालती फैसलों में तमाम स्टिरियोटाइप सोच वाले शब्दों के बदले नए शब्दों के इस्तेमाल की सलाह दी। मिस्ट्रेस शब्द के बदले रोमैंटिक रिलेशन, वेश्या को सेक्स वर्कर, उत्तेजक कपड़े को ड्रेस,
बहकाने वाली महिला के बदले महिला, बिन ब्याही मां के बदले सिर्फ मां और हाउस वाइफ के बदले होम मेकर शब्द के इस्तेमाल की सलाह दी गई है।
पसंद का हक
अपने अहम फैसले में समलैंगिक की शादी को सुप्रीम कोर्ट ने मान्यता नहीं दी, लेकिन पसंद के अधिकार को संवैधानिक अधिकार करार दिया। सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक बेंच ने समलैंगिक की शादी को मान्यता देने से इनकार कर दिया था।
370 हटाना वैध
सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा, जम्मू-कश्मीर को स्पेशल दर्जा देने वाला अनुच्छेद-370 अस्थायी प्रावधान है। स्पेशल दर्जा निरस्त करने के राष्ट्रपति के फैसले को बरकरार रखा है।
सर्विसेज दिल्ली की
सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई के फैसले में कहा है कि दिल्ली सरकार के कंट्रोल में प्रशासनिक सेवा होगी। इसमें पब्लिक ऑर्डर, पुलिस, जमीन को अलग रखा गया। कहा गया कि चुनी हुई सरकार के पास ब्यूरोक्रेट का कंट्रोल होना चाहिए।