(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश में शाइन सिटी घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (Enforcement Directorate) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए शुक्रवार को 22 लोकेशनों पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया. ये सर्च ऑपरेशन राजधानी दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी , इलाहाबाद , हरदोई समेत अन्य कुल 22 लोकेशन पर चले. सर्च ऑपरेशन के दौरान काफी महत्वपूर्ण सबूतों, दस्तावेजों और काफी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को जब्त किया गया.
800 करोड़ रुपए से ज्यादा का है फर्जीवाड़ा
जांच एजेंसी के द्वारा 800 करोड़ रुपए के इस फर्जीवाड़ा मामले में पिछले कुछ महीनों से लगातार कार्रवाई की जा रही है. जांच एजेंसी ईडी की लखनऊ ब्रांच के द्वारा इस मामले की तफ्तीश की जा रही है. इसी साल अक्टूबर महीने में जांच एजेंसी के द्वारा करीब 17 करोड़ की प्रॉपर्टी को अटैच किया गया था. अटैच की गई संपत्तियों की अगर बात करें तो उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ही करीब 11 हेक्टेयर जमीन को अटैच किया गया. जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि आरोपियों से संबंधित और मनी लॉन्ड्रिंग के जुड़े पैसों से अर्जित इस अटैच की हुई 17 करोड़ की प्रॉपर्टी का आज की तारीख में बाजार मूल्य करीब 100 करोड़ से ज्यादा है.
128 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है अटैच
इस मामले में अब तक करीब 128 करोड़ की प्रॉपर्टी को अटैच किया जा चुका है. जिसका बाजार मूल्य सैकड़ों करोड़ रुपये माना जा रहा है. शाइन सिटी घोटाला मामले की तफ्तीश यूपी में स्थित ईडी के लखनऊ जोन के तफ्तीशकर्ताओं के द्वारा की जा रही है. इस घोटाला मामले में मुख्य आरोपी राशिद नसीम को माना जा रहा है, जो कंपनी का सीएमडी रहा था. हालांकि फिलहाल वो आरोपी देश से फरार हो चुका है और दुबई में रहकर यहां अपना कई चिटफंड वाला काम कर रहा है, जिसे भारत में लाने के लिए यानी उसके प्रत्यर्पण कराने के लिए उचित कानूनी सलाह ली जा रही है.
450 से अधिक FIR
जांच एजेंसी के मुताबिक इसी मामले में राशिद नसीम के साथ-साथ आसिफ नसीम, अमिताभ कुमार श्रीवास्तव, मीरा श्रीवास्तव सहित कई अन्य आरोपियों के खिलाफ इस मामले की तफ्तीश चल रही है. यूपी, बिहार, झारखंड, राजस्थान सहित कई राज्यों में करीब 450 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हुए थे. शाइन सिटी घोटाला मामले में जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि इस घोटाला मामले में उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, राजस्थान, उड़ीसा समेत कई राज्यों के स्थानीय पुलिस थाने में करीब 450 से ज्यादा मामले दर्ज हुए थे जिसमें सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किया गया था, लिहाजा इस मामले की गंभीरता को देखते हुए लखनऊ स्थित ईडी जोन में इस केस को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.
सैकड़ों लोग हुए थे फर्जीवाड़े का शिकार
दरअसल प्रयागराज के बारा तहसील के मौजा कांटी में शाइन सिटी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की 100 बीघा जमीन की बिक्री पर बहुत पहले ही रोक लगा दी थी , क्योंकि इस मामले की तफ्तीश चल रही है . इस मामले की अगर बात करें तो शाइन सिटी कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा किसानों से करीब 123 गाटा खरीदकर उसका निबंधन कार्यालय में करीब 80 विक्रय अनुबंध पंजीकरण कराए थे. जमीन की खरीद के बाद यहां गेट लगाकर चहारदीवारी कराकर पौधे रोपे गए थे, उसके बाद जमीन बेचने के लिए कई ऑफर दिए गए लेकिन कई कर्मचारियों और अधिकारियों समेत अन्य सैकड़ों लोगों को फ्लैट खरीदने के बाद भी उचित समय के भी जब उन्हे कब्जा नहीं दिया गया और करीब दो सालों के इंतजार के बाद जब कब्जा नहीं मिला तो पीड़ितों ने न्यायालय की शरण ली थी. जांच के दौरान ये बात सामने आई थी की निवेशकों से लिए गए पैसों को आरोपी द्वारा उस करोड़ों रुपये को कहीं और शिफ्ट कर दिया और सैकड़ों लोगों के साथ फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया. फिलहाल इस मामले की तफ्तीश जारी है.