अस्थियों को मोक्ष का इंतजार: सगाई से पहले गायब हुई रीता, 3 साल पहले मौत, DNA टेस्ट भी फेल, तलाश रहा परिवार

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(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. 3 साल पहले मिले अस्थियों ने पुलिस को खासी मुसीबत में डाल करके रखा हुआ है. अस्थि एक बेटी की है, जिसे अपने परिवार, अपने माता-पिता का इंतजार है. दरअसल, जसवंतनगर इलाके के चक सलेमपुर गांव की रहने वाली रीता नाम की 22 साल की लड़की 19 सितंबर 2020 को लापता हुई थी. रीता का ठीक 7 दिन बाद रोका होने वाला था. उसके गायब होने के बाद गांव में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई. कोई यह बताने लगा कि रीता अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई है. कोई कहने लगा वह कहीं और चली गई है. करीब सात दिन बाद खबर सामने आई कि बाजरा के खेत में एक शव बरामद किया गया है.

गांव के अन्य लोगों के साथ रीता के परिवार के सदस्य भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने मौके से बरामद किए गए सामानों के जरिए रीता के शव की पहचान की. रीता के शव से कलावा, छीट का सलवार, कुर्ता, चांदी की अंगूठियां, लाल कंगन, पीला क्लेचर बरामद हुआ था, लेकिन रीता का मोबाइल आज तक बरामद नहीं हुआ.

डीएनए टेस्ट भी कराया गया
इटावा पोस्टमार्टम हाउस पर आए अस्थि का बेशक पोस्टमार्टम कर दिया गया, लेकिन पुलिस ने शव को पारिवार के सदस्यों के सुपुर्द नहीं किया. पुलिस की ओर से ऐसा कहा गया कि शव की पहचान सही ढंग से नहीं हो सकी है, इसलिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. इसी बीच पारिवार के सदस्यों ने कई लोगों पर शक जाहिर करते हुए प्रार्थना पत्र दिया, तो शव की पहचान के अभाव में उस प्रार्थना पत्र पर पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई. रीता की मां भगवान देवी ने गांव के ही रामकुमार नाम के एक शख्स और कुछ अन्य लोगों पर इस बात कर शक जाहिर किया. उन्होंने गांव के रामकुमार, रामकुमार के बेटे मोहित रामकुमार, पत्नी मिथिलेश और एक अन्य शख्स सत्येंद्र कुमार के खिलाफ अपनी बेटी की हत्या करने का आरोप लगाया.

शक था कि रामकुमार ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर के रीता की हत्या करके शव को बाजार के खेत में फेंक दिया.  इसी बीच गांव में भी इस बात की चर्चा चलने के लिए की रीता और रामकुमार के बीच रिश्ते थे. इसकी जानकारी रामकुमार की पत्नी मिथलेश को थी. रीता की हत्या रामकुमार की पत्नी मिथलेश ने सुनियोजित ढंग से अंजाम दे कर करवा दिया. इस बात की तस्वीर खुद रीता की मां भगवान देवी अपनी बातचीत में करती हैं. भगवान देवी यह कहने से कतई नहीं चूकती है कि रामकुमार ही रीता का शव मिलने के बाद उसके साथ हमदर्द बनकर खड़े रहे, लेकिन बाद में रामकुमार की भूमिका को लेकर सवाल खड़े होने लगे. तब रामकुमार पर शक जाहिर करते हुए पुलिस में प्रार्थना पत्र दिए गए. अब पुलिस के सामने इस बात की मुश्किल थी कि जब शव की पहचान नहीं हो पा रही है तो फिर आखिरकार कथित हत्यारोपियों के खिलाफ कार्रवाई कैसे अमल में लाई जाए.