(www.arya-tv.com) बनारसी हैंडलूम साड़ियों में अब बनारस के हेरिटेज की डिजाइन देखने को मिलेगी। रेशम के चमकीले धागों से घाटों, मंदिरों, गंगा, बोटिंग, नंदी और त्रिशूल को बुना गया है। साड़ी के करीब साढ़े 5 मीटर के बॉर्डर पर ही इन्हें उकेरा गया है। यह देखने में काफी यूनिक लग रहीं हैं। बनारस में बनी इन साड़ियों की प्रदर्शनी 21 से 25 सितंबर के बीच नोएडा के यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में लगेंगी। 10 से ज्यादा साड़ियों को सील पैक नोएडा के लिए भेज दिया गया है। ये ट्रेड शो के हाॅल नंबर 15 में प्रदर्शित की जाएंगी।वाराणसी से इस शो में 31 उद्यमी हिस्सेदारी कर रहे हैं। इस साड़ी पर संस्कृत में “मातृभूमिवन्दना” के श्लोकों को भी धागों से बुन दिया गया है। इसे तैयार करने वाले बनारस के बुनकर ताज मोहम्मद ने बताया कि टेड शो के माध्यम से हम लोगों को इंटरनेशनल मार्केट तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
इन सेक्टर से जुड़े हैं उद्यमी
वाराणसी से जिन 31 लोगाें ने रजिस्ट्रेशन कराया है, उसमें 24 वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के हस्तशिल्पी, 4 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (लकड़ी, स्टोन कार्विंग व सिल्क) और 3 एक्सपोर्टर कालीन उद्योग और बनारसी सिल्क साड़ी से जुड़े शामिल हो रहे हैं। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के लिए सरकार की तरफ से नियमानुसार कई तरह की सुविधा और रियायत दी जा रही है। यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।
लुप्त विरासत को मिल रहा सम्मान
वाराणसी के एक उद्यमी दीप माला राय ने बताया कि हम लोग जूट और कपड़ों से तैयार किए गए उत्पाद यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में लेकर जा रहे हैं। इसे ज़्यादातर महिलाओं ने ही तैयार किया है। इस ट्रेड शो से पूर्वांचल के बाजार देश और विदेश के मार्केट तक पहुंचेंगे।गुलाबी मीनाकारी के नेशनल अवार्डी शिल्पी कुंज बिहारी और सॉफ्ट स्टोन अंडर कट के स्टेट अवार्ड विजेता द्वारिका प्रसाद ने बताया कि यहां पर शिल्पियों को इंटरनेशनल मार्केट मिलेगा। इससे बनारस की लुप्त हो रही विरासत को बचाने के साथ ही बड़ा बाजार भी मिल रहा है।