संजय निषाद ने प्रमुख सचिव को फोन कर कहा- डीडी रैंक के अधिकारियों को करो सस्पेंड

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(www.arya-tv.com)  यूपी सरकार के मत्स्य पालन विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद का अपने ही विभाग के अफसरों पर गुस्सा फूट पड़ा। लापरवाह अधिकारियों का रवैया देख मत्स्य मंत्री  इतने गुस्से में आ गए कि उन्होंने तत्काल प्रमुख सचिव को फोन कर कहा- ‘जितने डिप्टी डॉयरेक्टर रैंक के अधिकारी हैं, उन सभी को अभी सस्पेंड कर सड़क पर ला दो। इनकी मनमानी नहीं चलेगी।’ डीडी स्तर के अधिकारी योजनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जिन लोगों को बीमा और अन्य सुविधााएं मिलनी चाहिए, वह लोग मेरी जांच में इन सुविधाओं से वंचित पाए जा रहे हैं।’

दरअसल, कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद ने मंगलवार को गोरखपुर के कैंपियरगंज क्षेत्र में 50 करोड़ की लागत से बनने वाले एक्वा पार्क का निरीक्षण करने पहुंचे थे। लेकिन, मंत्री के इस दौरे के दौरान उनके विभाग के जिम्मेदार अधिकारी फाइलों सहित नदारत रहे। यानी विभाग की कोई भी अफसर और कर्मचारी कैबिनेट मंत्री के दौरे में नहीं पहुंचा था।

न अफसर पहुंचे न फाइल लेकर कोई कर्मचारी
गोरखपुर में हो रही बारिश में भीगते हुए मंत्री संजय निषाद जब मछुआरों के बीच पहुंचे और उनसे बात की तो पता चला कि केंद्र और प्रदेश सरकार की किसी भी योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है। मंत्री ने जब मछुआरों के बीमा की स्थिति, तालाब और पट्टे आदि के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि जिले के मत्स्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ना तो खुद पहुंचे हैं और ना ही विभाग की संबंधित फाइलें लेकर उनका कोई कर्मचारी ही आया है। इसके अलावा भी मत्स्य मंत्री की जांच में तमाम खामियां मिली।

लापरवाह अफसरों की तैयार करो फाइल
यह लापरवाही देख वह आग  बबूला हो गए और गुस्से में तत्काल प्रमुख सचिव को फोन लगा दिया। उन्होंने प्रमुख सचिव को निर्देशित करते हुए कहा, ‘यहां सरकारी संपत्तियां लूटी जा रही हैं, तुम क्या कर रहे हो? यहां एक आदमी का बीमा नहीं हुआ है। मैं जांच करने आया हूं गोरखपुर में। सरकारी संपत्तियों को लुटवाने वाले अफसरों की फाइल तैयार करो। यहां सरकारी जमीन से मिट्टी बेच दी गई है। आखिर में इनकी निगरानी क्यों नहीं हुई? केंद्र और प्रदेश सरकार की मछुआ कल्याण योजनाओं को जो अधिकारी पलीता लगा रहे हैं, उनको सड़क पर ला दो।’