प्रयागराज में 24 बेटियों के बनाए थे 48 पति, शासन ने दिए FIR के निर्देश

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(www.arya-tv.com) प्रयागराज में ‘शादी अनुदान योजना’ में 64 लाख के घोटाले में 21 लोगों को दोषी पाया गया है। इसमें दो तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी समेत खंड विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और कई बाबू भी दोषी पाए गए है। हैं। शासन स्तर से हुई जांच में इसकी पुष्टि भी हो गई है। अब इन सभी दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही निलंबन की प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें कई ऐसी बेटियों के नाम पर बजट का बंदर बांट किया गया था। जिनकी शादी हकीकत में एक बार हुई है लेकिन अफसरों और बाबुओं की मिलीभगत से उनकी शादी दो बार दिखा दी गई। मामले की जांच SIT स्तर पर हो रही है।

समाज कल्याण विभाग और ग्राम विकास विभाग के अधिकारी दोषी

पहली जांच समाज कल्याण की प्रयागराज मंडल की उप निदेशक डॉ. मंजू श्रीवास्तव ने की। इसमें घोटाले की सत्यता पाई गई। इसमें समाज कल्याण विभाग और ग्राम विकास विभाग के कुल 21 अधिकारियों और बाबूओं को दोषी पाया गया है। इसमें 2 तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह (वर्तमान में समाज कल्याण अधिकारी जालौन) और सुधीर कुमार (वर्तमान में विंध्याचल मंडल के उप निदेशक) भी दोषी मिले हैं। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग के ही पटल सहायक संजय सिंह चौहान, सीबी सिंह, पुस्कर सिंह व शीतला प्रसाद श्रीवास्तव भी दोषी पाए गए।

4 BDO व 6 सेक्रेटरी भी पाए गए दोषी

घोटाले में ग्राम विकास विभाग के कई अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। जिन्होंने आवेदन की जांच की थी और आगे बढ़ाया था। इसमें होलागढ़ के पूरबनारा के सेक्रेटरी हरेंद्र सिंह, कौंधियारा कुकुढ़ी के सेक्रेटरी मनोज केसरी, हंडिया रसार के सेक्रेटरी राजेश कुमार मिश्र, कौंधियारा तेंदुई के सेक्रेटरी अवनीश पटेल, कौड़िहार कसारी के सेक्रेटरी अनुराग मिश्र व कौंधियारा कुलमई के सेक्रेटरी शामिल हैं। इसी तरह होलागढ़, कौंधियारा, हंडिया व कौड़िहार के चार खंड विकास अधिकारी भी दोषी हैं। इन पर FIR दर्ज कराने के शासन ने निर्देश दिए है।