(www.arya-tv.com) प्रयागराज में गंगा और यमुना का रौद्र रूप दिखना शुरू हो गया है। खतरे के निशान 84.73 के बिल्कुल करीब गंगा और यमुना पहुंच गई हैं। इससे प्रशासन और कछारी क्षेत्रों में रह रहे लोगों की नींद उड़ गई है। खतरा बढ़ने पर जिलाधिकारी ने NDRF-SDRF के 36 जवानों को मुस्तैद कर दिया है। फिलहाल कछारी क्षेत्रों में रह रही 5 लाख आबादी का दुश्वारियां बढ़ गई हैं। इस बीच प्रयागराज के जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
पिछले 24 घंटों में फाफामऊ में 108 सेंटीमीटर, छतनाग में 112 सेंटीमीटर और नैनी में 113 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। गंगा और यमुना में पानी बढ़ने से कछारी क्षेत्रों में लोगों की नींद उड़ी हुई है। प्रशासन ने राहत और बचार्व कार्य तेज कर दिए हैं। हालांकि जो क्षेत्र बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं वहां कई घंटे बार लोगों को नावें मिल पा रही हैं। इससे दूध, फल, सब्जी, राशन जैसी रोजमर्रा के सामान लोगों को नहीं मिल पा रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी छोटा बघाड़ा क्षेत्र में हो रही है।
यहां करीब 500 घरों में पानी घुस गया है और आने-जाने के रास्ते बंद हो गए हैं। अब केवल नाव का ही सहारा बचा है। प्रशासन की तरफ से बाढ़ के लिए किए गए इंतजाम नाकाफी हैं।
NDRF की 36 सदस्यीय टीम बाढ़ में लगी
गंगा और यमुना में लगातार जलस्तर बढ़ने से जिला प्रशासन ने भी अलर्ट घोषित कर दिया है। डीएम संजय खत्री ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (NDRF) की 36 सदस्यीय टीम को लगा दिया है। NDRF कमांडेंट मनोज शर्मा के नेतृत्व में 36 सदस्यीय टीम को राहत और बचाव कार्य के लिए लगाया गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचक दल के निरीक्षक बृजेश कुमार तिवारी को भी उनकी टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार गश्त करने और बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालकर राहत शिविरों तक ले जाने का आदेश दिया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी जरूरी दवाइयां देने को कहा गया है।