(www.arya-tv.com) आगरा के पिनाहट में चंबल नदी ने खतरे के निशान को पार कर दिया है। ऐसे में पिनाहट में चंबल नदी के तटवर्ती इलाकों और गांवों में पानी भर गया है। लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से भी हाई अलर्ट जारी किया गया है।
खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा जलस्तर
आगरा की बाह तहसील अंतर्गत पिनाहट में चंबल नदी में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। मंगलवार को चंबल नी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई। अब नदी का जलस्तर 131.50 मीटर है। कोटा से पांच लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है। पानी बुधवार शाम तक पिनाहट पहुंचेगा। इससे जलस्तर में और बढ़ोतरी होगी। खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के बाद बाढ़ का पानी पिनाहट के कई गांवों में घुस गया है। मजबूरन लोगों को सुरक्षित जगहों पर पलायन करना पड़ रहा है। प्रशासन की टीम भी लोगों को सुरक्षित निकालने में लगी है। ऊंचे टीले पर राहत शिविर बनाया गया है। जहां पर लोगों को भेजा जा रहा है।
सिर पर चारपाई लेकर जा रहे लोग
गांव में पानी घुसने पर उमरैठा पुरा के लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंच रहे हैं। कोई अपने सिर पर चारपाई रखकर जा रहा है तो कोई घर का सामान लेकर जा रहा है। लोग अपने पशुओं को लेकर गांव से बाहर जा रहे हैं। खेतों में पानी भर गया है। इससे फसल को नुकसान हुआ है। प्रशासन की ओर से लोगों को निकालने के लिए स्टीमर और नावों का इंतजाम किया गया है।
इन गांवों में घुसा पानी
चंबल का जलस्तर पर हर घंटे 10 सेमी बढ़ रहा है। ऐसे में अभी जलस्तर कम होने की उम्मीद कम है। गांव रैहा, बरैण्डा, उमरैठा पुरा, क्योरी पुरा, रानीपुरा, भटपुरा के सम्पर्क मार्ग जलमग्न हो गए हैं। वहीं, चंबल डाल नहर परियोजना की पम्पिंग मशीन को पानी से बचाने के लिए इंतजाम किए गए हैं। ये मशीनचंबल से पानी लेकर ऊपर नहर मे फेंकती है। जिनके लिये नदी में ही इमारत बनी है। इस इमारत मे रखी मशीनों को पानी से कोई नुकसान न पहुंचे, इसके लिए इमारत के मुख्य द्वार पर करीब बारह फीट की ऊंची दीवार लगाकर बंद किया गया।
वहीं, एसडीएम रतन वर्मा, तहसीलदार सर्वेश कुमार सिंह, नायब तहसीलदार गौरव कुमार अग्रवाल ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों को दौरा किया। लेखपाल को क्षेत्र में ही रहने के निर्देश दिए गए है। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।