(www.arya-tv.com) कुख्यात डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला का साथी पूर्व विधायक माफिया राजन तिवारी का सिक्का अब गोरखपुर जेल में नहीं चलेगा। राजन तिवारी को शनिवार की भोर में राजन तिवारी को गोरखपुर से फतेहगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया गया।
जेल अधिकारियों के मुताबिक उसका दूसरी जेल ट्रांसफर प्रशाशनिक आधार पर हुई है। 22 अगस्त को होने वाली राजन की कोर्ट में पेशी भी वही से अब वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी। ‘गोरखपुर में जेल में राजन तिवारी का सिक्का चलने’ का मामला संज्ञान में आते ही शुक्रवार की आधी रात DM और SSP ने राजन का जेल ट्रांसफर कराने का आदेश जारी कर दिया। खास बात यह रही कि राजन तिवारी के लिए गोरखपुर जेल में तमाम VIP इंतजाम कराने वाले जेल प्रशासन को इसकी कानोंकान खबर तक नहीं लगी।
पुलिस ने शुरू की राजन के केसों की पैरवी
वहीं, ऑपरेशन शिकंजा’ के तहत गैर जमानती वारंट में गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस ने राजन तिवारी के उन सभी केसों की पैरवी शुरू कर दी है जिनमें ट्रायल चल रहा है। वहीं उन मामलों की भी पड़ताल चल रही है जिसमें दबाव या डर से बरी होने की गुंजाइश दिख रही है।
बिहार के रक्सौल से हुई थी गिरफ्तारी
दरअसल गोरखपुर के सोहगौरा निवासी राजन तिवारी को कैंट और एसओजी की टीम ने गुरुवार को बिहार के रकसौल से उस समय गिरफ्तार किया था, जव वह नेपाल भागने के फिराक में था। पुलिस ने गुरुवार देर शाम गोरखपुर के गैंगेस्टर कोर्ट में पेश किया था।
जिसके बाद उसे 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। गोरखपुर जेल में वह मिलेनियम बैरक में रखा गया था। इससे पहले भी राजन गोरखपुर जेल में 2 साल रह चुका था। तब उसका जेल में बहुत रसूख था।
कौन है राजन तिवारी?
मूल रुप से गोरखपुर के गगहा थाना क्षेत्र के सोहगौरा गांव निवासी राजन तिवारी पर यूपी और बिहार में 40 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। बिहार में पूर्वी चंपारण के गोविंदगंज सीट से दो बार विधायकी जीतने वाले राजन तिवारी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ली थी। जिस पर विवाद होने के बाद पार्टी ने राजन को साइड लाइन कर दिया था। हालांकि राजन तिवारी ने खुद को भाजपा नेता ही बताया। इससे पहले उन्होंने 2016 में BSP भी ज्वाइन की थी।
माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला के करीबी रहे राजन
राजन तिवारी की प्रारम्भिक शिक्षा भी गोरखपुर में हुई। युवा अवस्था में राजन तिवारी ने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। 80 के दशक के माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला के संपर्क में आने के बाद राजन तिवारी का नाम कई अपराधों में सामने आया।