(www.arya-tv.com) वाराणसी में बोटिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध के बाद क्रूज राइड की डिमांड बढ़ गई है। काशीवासी और पर्यटकों का रुख क्रूज की तरफ बढ़ रहा है। वहीं, पर्यटन विभाग द्वारा अब प्रसाद स्कीम के तहत अस्सी से राजघाट तक भागीरथी क्रूज का संचालन किया जा रहा है।
यूपी टूरिज्म डिपार्टमेंट ने आज ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी। भारत सरकार ने पर्यटन मंत्रालय के तहत साल 2014-2015 में PRASAD स्कीम शुरू की थी। प्रसाद योजना का उद्देश्य भारत में धार्मिक पर्यटन के विकास और प्रमोशन का मार्ग प्रशस्त करना है।रोजाना शाम साढ़े 6 बजे संत रविदास घाट से चलकर राजघाट और वहां से दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती दिखाकर वापस लाया जा रहा है। अलकनंदा क्रूज लाइन के संचालक विकास मालवीय ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से क्रूज की डिमांड बढ़ गई है। किराया में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गई है। भागीरथी क्रूज का किराया 500 से 700 रुपए और वहीं अलकनंदा का रेट 900 रुपए चल रहा है। पूरा टूर डेढ़ घंटे का हाेता है। बता दें कि वाराणसी में इस समय गंगा में इमरजेंसी केसेज के लिए प्रतिबंधित नहीं किया गया है।
विंध्याचल और संगमनगरी तक होगा संचालन
विकास मालवीय ने बताया कि कुछ ही दिनों में वाराणसी से विंध्याचल तक की गंगा यात्रा भी शुरु हो रही है। गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। पानी थोड़ा और हो जाए तो फिर क्रूज को बिना किसी दिक्कत के विंध्याचल तक ले जाया जा सकता है। इसके बाद क्रूज को संगमनगरी प्रयागराज तक ले जाने का प्लान है। यह यात्रा दो दिन की होगी। रास्ते में चुनार किले पर स्टॉपेज और विंध्यवासिनी देवी धाम पर रात्रि प्रवास होगा। वहीं अगले दिन प्रयागराज पर संगम दर्शन कराएगा।
चुनार तक का 3 हजार है किराया
विकास मालवीय ने बताया कि पिछले साल ही वाराणसी से चुनार की यात्रा शुरू हुई थी। इसमें एक यात्री से 3 हजार रुपए वसूले गए थे। वहीं विंध्यवासिनी देवी और प्रयागराज का किराया अभी निर्धारित नहीं किया गया है। मां विंध्यवासिनी के दर्शन कराते हुए विंध्य क्षेत्र में रात्रि प्रवास का मौका देगा। इसके साथ ही अगले दिन संगम दर्शन कराएगा।
वाराणसी में हो रहा 4 क्रूजाें का संचालन
वाराणसी में चार क्रूज हैं। सभी का संचालन संत रविदास घाट से होता है। चार क्रूज में सबसे बड़ी क्रूज हैं सैम मानिक शॉ और विवेकानंद, वहीं छोटे क्रूज में अलकनंदा और भागीरथी क्रूज है।