(www.arya-tv.com) आर्थिक तंगी की वजह से खतरनाक श्रेणी में आने वाले कारखानों में काम करने वाले बाल श्रमिकों को मुक्त कर दिया गया। श्रम विभाग ने उन्हें आर्थिक मदद भी दिया है। नगर निगम के 110 वार्डों में 10 वार्ड बाल श्रम मुक्त वार्ड घोषित किए गए हैं। लालबहादुर शास्त्री वार्ड, महात्मा गांधी वार्ड, कुंडरी रकाबगंज वार्ड, इंदिरानगर वार्ड, मौलवीगंज वार्ड, नजर बाग वार्ड, लाल लाजपत राय वार्ड, राजीव गांधी वार्ड, मालवीय नगर व लालबहादुर शास्त्री वार्ड में बाल श्रम मुक्त करने का दावा श्रम विभाग ने किया है। 14 साल से नीचे के बाल श्रमिक अब इन वार्डों में काम करते नजर नहीं आते हैं।
सहायक श्रमायुक्त यशवंत सिंह ने बताया कि कारखानों में ताबड़तोड़ मेहनत करने वाले श्रमिकों के लिए श्रम विभाग की ओर से कई योजनाओं का संचालन किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (एक मई) को उन योजनाओं के बारे में विभाग की ओर से आनलाइन जानकारी भी दी जाएगी। श्रमिकों के बच्चे गुणवत्तायुक्त शिक्षा ग्रहण कर सकें इसके लिए संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत उनकी आर्थिक मदद की जाती है।
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उन्हें दिया जाएगा। लखनऊ में 15.21 लाख ने ई-श्रम पोर्टल पर अपना पंजीयन कराया है। 3.70 लाख भवन निर्माण में लगे श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। 58 हजार श्रमिक पंजीकृत हैं। पिछले एक साल में श्रम विभाग ने 126 मामलों को निपटाकर 492 श्रमिकों को 21.59 लाख का लाभ दिलाया।
इसलिए मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस. श्रमिक हितों की रक्षा के लिए एक मई को हर साल अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। एक मई 1886 को इसकी शुरुआत हुई थी। इस दिन अमेरिका की मजदूर यूनियनों ने काम का समय आठ घंटे से ज्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। इस हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ था। यह बम किसने फेंका किसी का कोई पता नहीं। इसके निष्कर्ष के तौर पर पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी और सात मजदूर मर गए। कुछ समय के बाद अमेरिका में आठ घंटे काम करने का समय निश्चित कर दिया गया था। उसी दिन से यह दिवस मनाया जाता है।
श्रमिक शिशु हितलाभ : पंजीकृत श्रमिकों को दो संतान तक 12 हजार रुपये शिशु हितलाभ के लिए मिलता है। संतान कन्या होगी तो यह रकम 15 हजार रुपये होती है। पंजीकृत श्रमिकों के खाते में सीधे भेजी जाती है।