(www.arya-tv.com) गर्मी का मौसम शुरू होते ही तापमान अपना असर दिखा रहा है. भीषण गर्मी अप्रैल के महीने में ही मई और जून की याद दिला रही है. ऐसे में अभी से खेतों में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया है. वहीं कानपुर के घाटमपुर में संदिग्ध हालत में लगी आग ने विकराल रूप ले लिया और देखते ही देखते बीघों में गेहूं की फसल धूं धूं कर जलने लगी जिससे लगभग 80 बीघे की फसल जलकर राख हो गई.
आग की सूचना पर अग्निशमन विभाग की लगभग एक दर्जन गाडियां आग पर काबू पाने के लिए फायर स्टेशन से निकाली गई. वहीं कानपुर नगर , घाटमपुर और अन्य स्टेशनों से भी गालियां मौके पर बुलाई गई. कानपुर के तमाम अधिकारियों का मौके पर तांता लग गया और आग पर काबू पाने में फायर टीम के पसीने छूट गए. क्योंकि आग किसी बिल्डिंग में नहीं बल्कि खेतों में लगी थी. जहां आसानी से दमकल की गाड़ियां नही पहुंच पा रही थी और आज हवा चलने के चलते आगे बढ़ती जा रही थी. वहीं ये आग गांवों में बने घरों को भी कुछ ही देर में अपनी चपेट में ले लेती.
80 बीघा फसल जलकर हुई राख
अचानक लगी खेतों में आग ने अपनी जद में बीघो के हिसाब से फसल को ले लिया. आग की लपटें देख ग्रामीणों में हाहाकार मच गया और सैकड़ों किसान अपनी अपनी फसल को जलते देख बेसुध हो गए तमाम प्रयास किए गए की आग पर काबू पा लिया जाए. लेकिन काटने के लिए तैयार गेहूं की फसल पूरी तरह से सूखी थी और ऊपर तेज हवाओं ने आग में घी का काम कर दिया. जिससे घाटमपुर के गुइया, सरैया,चौबेपुर गांव की फसल जल गई. वहीं इस आग में लगभग चार गांव के खेतों को अपने आगोश में ले लिया और बड़ी तादात में फसलों का नुकसान हो गया.
घंटो मेहनत के बाद आग पर काबू
अग्निशमन अधिकारी दीपक कुमार ने कहा आग को लेकर मौके पर पहुंचे पुलिस और अग्निशमन अधिकारियों ने घंटों कड़ी मेहनत के बाद काबू पाया. वहीं सीएफओ ने बताया कि आग संदिग्ध अवस्था में लगी गर्मी के मौसम में आग कब लग जाती है. इसका अंदाजा किसी को नही होता. जैसे ही आग की सूचना मिली. वैसे ही एक दर्जन दमकल की गाड़ियां स्टेशनों से रवाना कर दी गई. आग विकराल रूप ले चुकी थी और काबू पाने में समय लगा हमारी प्राथमिकता थी कि जल रही फसल के साथ साथ गांवों तक पहुंचने वाली आग को रोक दिया जाए. अगर आग गांवों तक पहुंच जाती तो बड़ी जनहानि हो सकती थी
