57 साल के व्यक्ति की कोरोना से मौत, दी गई थी झूठी रिपोर्ट, कोलकाता में तीन गिरफ्तार

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(www.arya-tv.com) 57 साल के एक बैंक मैनेजर की गुरुवार को कोरोना वायरस से मौत हो गई। उन्हें पहले झूठी टेस्ट रिपोर्ट दी गई जिसमें उन्हें कोरोना नेगेटिव बताया गया लेकिन मरने से पहले की गई कोरोना जांच में वे पॉजिटिव पाए गए। कोलकाता पुलिस ने पीड़ित की पत्नी की शिकायत पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच कर रही है कि क्या इन लोगों ने इसी तरह किसी और को भी ठगा है।

कोलकाता के एमआर बांगुर अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, “स्वैब टेस्ट रिपोर्ट पर हाथ से लिखा हुआ नौ अंको का रेफर्ल फॉर्म आईडी था। असली रिपोर्ट्स में ये टाइप किया जाता है और ये 13 अंको का होता है। ये टेस्ट रिपोर्ट नकली थी।”

पुलिस ने कहा कि बिमल सिन्हा को बुखार, खांसी और सर्दी थी। परिवार के डॉक्टर ने उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के पास भेजा जो एक पैथोलॉजिकल लैब चलाता था और जो घर से टेस्ट के नमूने इकट्ठे करके ले जा सकता था. बिमल सिन्हा घर से बाहर जाने के लिए बहुत कमजोर थे। नेताजी नगर पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “जब बिमल के परिवार ने लैब से संपर्क किया तो लैब के मालिक ने  25 जुलाई को एक नौजवान लड़के को सैंपल लेने के लिए भेज दिया इसके एक दिन बाद ही फोन पर परिवार को बताया गया कि उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जब परिवार ने एक फॉर्मल रिपोर्ट की मांग की तो उन्हें हाथ लिखी हुई एक एसआरएफ आईडी दे दी गई और व्हाट्सएप के ज़रिए उन्हें कोरोना नेगेटिव बताया गया।” हालत बिगड़ने पर शख्स को नर्सिंग होम ले जाया गया। बाद में उन्हें एमआर बांगुर अस्पताल में भेजा गया जहां डॉक्टरों ने परीक्षण रिपोर्ट में असलियत का पता लगाया।

बिमल सिन्हा के बेटे हर्ष सिन्हा ने कहा “अस्पताल के डॉक्टरों ने हमें बताया कि रिपोर्ट फर्जी थी। सैंपल लेने के लिए उन लोगों ने हमसे 2,000 रुपये लिए थे। मेरे पिता ने 30 जुलाई को सरकारी अस्पताल में परीक्षण के बाद दम तोड़ दिया। हमने इलाज में अपना कीमती समय गंवा दिया। अगर हम शुरू में पता होता कि वे कोरोना पॉज़ीटिव थे, तो हम उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जा सकते थे। ” तीन लोगों को उसी मोबाइल नंबर से ट्रेस करके गिरफ्तार किया जिससे उन्होंने व्हाट्सएप पर कोरोना की रिपोर्ट भेजी थी।

इंद्रजीत सिकदर (26) और बिस्वजीत सिकदर( 23) को दक्षिण कोलकाता से गिरफ्तार किया गया। ये दोनों भाई हैं और अलग-अलग राज्यों के अस्पतालों से तकनीशियनों के रूप में जुड़े हुए थे। एक निजी लैब चलाने वाले तीसरे व्यक्ति अनित पाइरा को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों लड़को ने परिवार से कहा कि वो एक लैब में काम करते हैं जहां इस तरह के टेस्ट होते हैं शुरुआती जांच में पता चला कि ये दोनों भाई किसी लैब से जुड़े नहीं थे और न ही इस तरह कोई टेस्ट लैब में होते थे। अधिकारी ने बताया कि दोनों ने एक लैब के नाम पर झूठी रिपोर्ट तैयार की थी।