टूटेंगे यमुना किनारे बसी 3 कॉलोनियों के 5000 मकान, घरों पर चिपके नोटिस, अब कहां रहेंगे ये लोग?

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(www.arya-tv.com) बसंतपुर, इस्माइलपुर और अगवानपुर में अवैध रूप से यमुना की तलहटी में बसे करीब पांच हजार मकानों को नगर निगम ने तोड़ने का फैसला किया है। निगम की ओर से गुरुवार को इलाके में मुनादी करा दी गई है। लोगों को घर खाली करने के लिए पांच दिन का समय दिया है। यमुना नदी में बाढ़ के दौरान पानी भर गया था। इलाके को खाली कराया गया था। इस मामले में सरकार ने अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

घरों पर नोटिस लगने के बाद स्थानीय लोग परेशान हो गए हैं। एक तो लोगों को घर टूटने का डर सता रहा है, वहीं अवैध कॉलोनी बसाने वाले प्रॉपर्टी डीलर लोगों पर जमीन का बाकी पैसा जल्द भरने का दबाव बना रहे हैं। 11 जुलाई को बसंतपुर इलाके में बाढ़ आने के बाद एक नए भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ था। लोगों से पैसा लेकर यमुना की तलहटी में बड़ी संख्या में अवैध रूप से पक्के मकान बनने दिए गए थे।

सभी अवैध मकानों को ध्वस्त करने का आदेश

एनआईटी विधायक नीरज शर्मा ने विधानसभा सत्र में यमुना की तलहटी में भूमाफियाओं द्वारा बसाई गई आबादी का मामला उठाया था। इसके बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जांच के लिए कमिटी का गठन किया था।

कमिटी ने जांच पूरी कर सरकार को रिपोर्ट सौप दी है और सरकार ने यहां बने सभी अवैध मकानों को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया है। वहीं, संबंधित मामले को लेकर हमने डीटीपी एनफोर्समेंट अधिकारी राजेंद्र शर्मा और नगर निगम जॉइंट कमिश्नर शिखा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

कहां रहेंगे लोग?

एनबीटी ने जब लोगों से बात कही तो उनका दर्द सामने आया। मुकेश कुमार ने कहा, ‘गुरुवार को निगम अधिकारियों ने यहां करीब पांच हजार घरों पर नोटिस लगा दिया है, तब से चिंता बढ़ गई है। यहां लोगों ने विरोध मार्च भी निकाला है। नगर निगम घरों को तोड़ देगा तो सब कहां रहेंगे।

‘ सौंदर्य झा का कहना है, ‘यह जमीन अवैध थी तो सरकार को यहां कोई सूचना पट्ट लगवाना चाहिए था और जब यहां लोगों ने मकान बनाना शुरू किया तो उसे रुकवाना चाहिए था। बिजली कनेक्शन दिए गए, तब अफसर कहां थे।’

लोगों ने लगा दी जीवनभर की कमाई

राबिया खान कहती हैं, ‘यहां जमीन खरीदकर मकान बनाने में हमने अपने जीवनभर की कमाई लगा दी है। पहले बाढ़ ने बर्बाद किया और स्थिति सुधारने पर थोड़ी राहत मिली थी कि अब चिंता बढ़ गई है।’ सन्नी कुमार ने बताया, ‘यहां जबसे मुनादी हुई है, लोगों ने चैन की सांस तक नहीं ली है।

यहां अभी 80 प्रतिशत लोगो ने प्रॉपर्टी डीलर को पैसे दे चुके हैं और कुछ लोगों ने अभी आधे पैसे दिए हैं। हम बर्बाद हो गए हैं।’