झारखंड के हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो के 48 प्रवासी मजदूर अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया में तीन माह से फंसे हुए हैं, जहां कंपनी ने उनका वेतन बंद कर दिया है। इस वेतन रुकावट के कारण मजदूर गंभीर खाने-पीने की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
मजदूरों ने एक वीडियो संदेश जारी कर भारत और झारखंड सरकार से तत्काल मदद की अपील की है, ताकि वे सुरक्षित अपने घर लौट सकें। मजदूरों ने बताया कि वेतन बंद होने के कारण उनके पास भोजन खरीदने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं। ट्यूनीशिया में फंसे 48 मजदूरों में हजारीबाग के 19, गिरिडीह के 14 और बोकारो के 15 मजदूर शामिल हैं।
हजारीबाग के 19 मजदूरों के नाम : अमरदीप चौधरी, जिवाधन महतो, धानेश्वर महतो, जागेश्वर कुमार महतो, गोविंद कुमार महतो, खिरोधर महतो, नागेंद्र कुमार महतो, कैलाश महतो, नीलकंठ महतो, अनंतलाल महतो, खुशलाल महतो, मुकेश कुमार, मंटू महतो, गंगाधर महतो, मुकेश कुमार, दिनेश तुरी, देवेंद्र ठाकुर और शंकर घांसी शामिल हैं।
गिरिडीह के 14 मजदूरों के नाम : नंदलाल महतो, संतोष महतो, गुरुचरण महतो, मनोज कुमार मंडल,खुबलाल महतो,अशोक कुमार, झंडू महतो, सेवा महतो, मुरली मंडल, सुखदेव सिंह, संजय कुमार, संजय कुमार महतो, सुनील टूड्डू और मिरुलाल हांसदा शामिल हैं।
बोकारो के 15 मजदूरों के नाम : अजय कुमार, अनिल कुमार, गोपाल महतो,राजेश करमाली, लालू करमाली, जगन्नाथ महतो, रूपलाल महतो, दीपक सिंह, कारु सिंह, सुबोध मरांडी, सुखदेव महतो, जगन्नाथ महतो, बिरसाही तुरी, मनोज कुमार रविदास और खेदन सिंह शामिल हैं। मजदूरों ने कंपनी से तुरंत बकाया वेतन का भुगतान करने की भी मांग की है।
मजदूरों ने बताया कि वेतन न मिलने से स्थिति इतनी खराब हो गई है कि उनकी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया है। साथ ही उन्होंने भारत सरकार और राज्य सरकार से जल्द से जल्द पुनर्वास और वतन वापसी के लिए सहायता देने की गुहार लगाई है।

 
 
	 
						 
						