अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तालिबान नेताओं के साथ आठ सितंबर को वाशिंगटन में होने वाली बैठक रद्द करने के फैसले के बाद तालिबान ने पहली बार अमेरिका को बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी है। तालिबान ने स्पष्ट कहा है कि वह अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना को निशाना बनाता रहेगा।
इधर, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 11 सितंबर 2001 को हुए हमले की 18वीं बरसी पर अफगानिस्तान में अमेरिकी दूतावास के पास बुधवार तड़के रॉकेट से हमला किया गया।
हालांकि ट्रंप ने मंगलवार को ही अफगानिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने वाले अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) को बर्खास्त किया है लेकिन तालिबान ने उसे चेतावनी भरा पैगाम भेज दिया है। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, अफगानिस्तान से अमेरिकी कब्जा हटाने के लिए हमारे पास दो ही रास्ते थे, जिहाद या संघर्ष और दूसरा वार्ता या मध्यता। यदि ट्रंप बातचीत बंद करना चाहते हैं तो हम पहला रास्ता चुनेंगे और जल्द ही वह अपने फैसले पर अफसोस करेंगे।’
वार्ता रद्द होने का बड़ा कारण शांति प्रक्रिया के दौरान अफगानिस्तान में होने वाले तालिबानी हमले रहे। बता दें कि ट्रंप ने न सिर्फ यह कहा कि वे तालिबान के शीर्ष नेतृत्व के साथ वाशिंगटन से बाहर कैंप डेविड में होने वाली गोपनीय बैठक रद्द कर रहे हैं बल्कि उन्होंने यह भी कह दिया कि शांति समझौते को लेकर चल रही वार्ता मर चुकी है।