विधायक की बेटी ने क्यों उठाया ऐसा कदम?

## Lucknow UP

ये जो चित्र में आदमी है ना,, ये विधायक है।
साथ में जो लड़की है वो इसकी बेटी है।
ये बेटी कह रही है कि मुझे अपने बाप से जान का खतरा है।

पता है ये बेटी कौन है ?

जिस समय बेटियों को गर्भ में मारने का भयंकर सिलसिला चल रहा था तब इसके जन्म पर जश्न हुआ था।
ये वही बेटी है जो साल भर की होने पर चलने की कोशिश करती हुई बार-बार गिरती थी तो इस बाप ने उसके नाजुक हाथों को थामा, उसे चलने को सहारा दिया, उसे चलना सिखाया।
कुछ दिन बाद साइकिल सिखाई,
फिर स्कूटी की जिद हुई तो वो भी दिलाई।
एक बार कहीं बाजार में किसी को स्कूटी से टक्कर मार दिया।
खुद भी चोट खाई और सामने वाले को भी मरणासन्न कर दिया।

इसी बाप ने पूरा अस्पताल सर पर उठा लिया और
एक से एक डॉक्टर की लाइन लगाकर खड़ी कर दी।

जिसको टक्कर मारी थी उसका इलाज करवाया और
लाखों रुपये उसे हर्जाने में देने पड़े।

इस बेटी को तो पता भी नहींं था कि लाखों रुपये कैसे कमाये जाते हैं।
खैर ये ऐश-ओ-आराम करते हुए बड़ी हुई।
स्कूल से कॉलेज में आई।
जवानी हिलोरेंं मारने लगी।
जब चलती थी तो खुद को निहारती हुई सैंकड़ों आँखों को देखकर मन ही मन इठलाती थी।

फिर कहीं किसी से आँखें चार हो गईं।

मोहब्बत की पींगें बढ़ीं। साथ जीने-मरने की कसमें खाईंं।

दोनों की उम्र में अंतर तो बहुत है ,, थोड़ी दिक्कत थी।

लेकिन समाज मे फैलती नाजायज आजादी की हवा इसे भी छू गई।

एक दिन अपने बाप के सिर पर पैर रखकर ये ऊँची छलाँग लगा गई।

फिर एक दिन प्रेमी के साथ वीडियो बनाकर डाला गया।
” मेरा बाप मुझे और मेरे प्रेमी को मार डालना चाहता है।”
चाहे लड़के की उम्र कई गुना ज्यादा हो,,
चाहे दिखने में भी लायक ना हो,,
पूरे देश मे हल्ला है,
क्योंकि

विधायक की बेटी जो भागी है।

मीडिया वाले विधायक के पास भागे-भागे जा रहे हैं। उससे सवाल कर रहे हैं कि आप प्यार के दुश्मन हैं ?
आजाद पंछियों को क्यों कैद करना चाहते हैं ?
21 वीं सदी में भी आप जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं ?

सबके कैमरे विधायक के चेहरे पर लगे हैंं। उसके मुँह से शब्द सुनने को आतुर हैं।

लेकिन बाप की आँखें किसी को दिखाई नहीं दीं।
उसकी कँपकँपाती जुबान, रूँधा हुआ गला ,
कोई ध्यान नहीं दे रहा उसपे।

लड़का और लड़की दोनोंं हिन्दू हैं। किसी भी जाति के हों,
साथ रहने में कोई आपत्ति नहीं हमें लेकिन प्रेमी के बहकावे में आकर
निर्लज्जता और पब्लिसिटी की मारी बेटी ने जो इस घटना को जातीय रंग दिया है , जो छिछालेदर की वो बड़ी खराब है।

हम तो विधायक जी से कहना चाहते हैं कि
अब तक कुछ किया था या नहीं किया था लेकिन अब
भाड़ में जाये दुनियादारी। कभी इस औलाद की तरफ दुबारा झाँकना भी मत जो माँ-बाप की इज्जत को सरेबाजार नीलाम करती फिर रही है,,
याद रखना हर वो लड़की जिंदगी भर दुख पाती है,,जो नाजों से पाली गयी,, उन्हीं माता-पिता को धोखा देती है,,
भगवान ऐसी लड़की को कभी सुख मत देना,,
साभार— व्हाट्सएप
(ये लेखक के ​व्यक्तिगत विचार हैं हमारी संस्था से इसका कोई सरोकार नहीं।)