नई दिल्ली। गैंगेस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को सख्त हिदायत दी है। बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वह सुनिश्चित करे कि राज्य में ऐसी घटना फिर से न हो। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने जांच समिति को भी अप्रूवल दिया।
विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच करने वाली समिति में रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान और यूपी के पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता को शामिल किया गया है। जांच कमेटी को दो महीने में रिपोर्ट सौंपनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने जांच कमीशन को एक हफ्ते में गठित करने को कहा है। सचिव और अन्य अधिकारी केंद्र सरकार मुहैया कराएगी। दो महीने में आयोग अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगा। वह हर पहलू पर गंभीरता से जांच करके देगा।
आपको बता दें कि बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील घनश्याम उपाध्याय ने योगी सरकार के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े किए। वकील ने कहा कि जस्टिस चौहान का नाम क्यों सुझाया गया है। हमने 12 जजों के नाम सुझाए थे। इस पर सीजेआई ने कहा कि हम जस्टिस की पसंद खोजने के लिए उन्हें दोष नहीं दे सकते।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा राज्य के अधिकारियों को कमेटी का हिस्सा नहीं होना चाहिए। समिति में केवल बाहर के लोग हों। इस पर सीजेआई ने कहा कि हैदराबाद मामले में यही समस्या थी, जो हम चाहते थे कि आयोग दिल्ली में बैठे, लेकिन हमने पाया कि सारे सबूत तेलंगाना में हैं। जब यूपी में सबूत हैं तो आयोग को दिल्ली में क्यों बैठना चाहिए?