चीन की सीमा और होगी सुरक्षित:पूर्वोत्तर सीमा पर 40 हजार करोड़ रुपए की लागत से फ्रंटियर हाईवे बनेगा

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(www.arya-tv.com)  केंद्र सरकार चीन के मंसू को स्थायी तौर पर काउंटर करने के लिए पूर्वोत्तर में 40 हजार करोड़ रुपए की लागत से फ्रंटियर हाईवे बनाने जा रही है। करीब 2 हजार किलोमीटर लंबा यह हाईवे अरुणाचल प्रदेश की लाइफ लाइन और चीन के सामने भारत की स्थायी ग्राउंड पोजिशन लाइन भी साबित करेगा। सामरिक महत्व की बात करें तो यह भारत-तिब्बत के बीच खींची गई सीमा रेखा मैकमोहन लाइन से होकर गुजरेगा।

अंग्रेजों के विदेश सचिव हेनरी मैकमोहन ने इसे सीमा के तौर पर पेश किया था और भारत इसे ही असली सीमा मानता है जबकि चीन खारिज करता रहा है। इस हाइवे का निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) और नेशनल हाईवे अथॉरिटी मिलकर करेंगे। सेना लॉजिस्टिक सपोर्ट देगी। फ्रंटियर हाईवे तवांग के बाद ईस्ट कामेंग, वेस्ट सियांग, देसाली, दोंग और हवाई के बाद म्यांमार तक जाएगा।

ये होगा फायदा

  • चीन ही नहीं, म्यांमार की सीमा भी सुरक्षित होगी।
  • सीमाई क्षेत्र से पलायन रोकने में मदद मिलेगी।
  • हाईवे के इर्दगिर्द वाइब्रेंट विलेज विकसित होने से उन भुतहा गांवों पर नजर रखी जा सकेगी, जिन्हें चीन बसा रहा है।

मैकमोहन लाइन से गुजरेगा, BRO-अथॉरिटी बनाएगा
अरुणाचल प्रदेश मे दो नेशनल हाईवे पहले से है- ट्रांस अरुणाचल हाईवे और ईस्ट-वेस्ट इंडस्ट्रियल कॉरिडोर। इस तीसरे हाईवे के साथ राज्य के सभी कॉरिडोर आपस में मिल जाएंगे। इससे दूर के इलाकों तक रोड कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।

पूरे अरुणाचल को जोड़ेगा
यह हाईवे अरुणाचल के सभी अहम सामरिक क्षेत्रों को कनेक्ट करेगा। इसमें तवांग की के मागो-थिंगबू को विजयनगर से होते हुए अपर सुबनसिरी, दिबांग घाटी, छागलागाम और किबिथू के बीच हाईवे कनेक्टिविटी दी जाएगी।

भारत ने पैंगोंग झील में नया लैंडिंग शिप और स्पीडबोट्स तैनात किए
सेना ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील पर गश्त के लिए नए लैंडिंग शिप और स्पीड बोट तैनात किए हैं। इससे 14 हजार फीट की ऊंचाई पर चीन सीमा से लगे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर स्थित झील में भारतीय सेना की निगरानी और गश्ती ताकत बढ़ गई है।

यह इस क्षेत्र में चीन की सेना PLA की तैनाती को लेकर जवाबी तैयारी है। 2020 में इस क्षेत्र में चीनी सेना की गतिविधियों के बढ़ने के बाद भारत ने यहां अपनी सेना की क्षमता बढ़ाने और बुनियादी ढांचे के विकास का हिस्सा है।

नए लैंडिंग क्राफ्ट को पाकिस्तान के सामने गुजरात के सर क्रीक में भी तैनात किया गया है। लैंडिंग क्राफ्ट 35 सैनिकों या एक जीप और 12 कर्मियों को ले जाने में सक्षम है, जबकि स्पीड बोट्स 35 समुद्री मील (65 किमी) प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं। 2021 की शुरुआत में सेना ने लैंडिंग शिप और स्पीड बोट्स के लिए दो करार किए गए थे। 2021 की दूसरी छमाही में इन्हें सेना को सौंप दिया गया था।

G20 की बैठकें पूर्वोतर में भी होंगी, पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा
भारत G20 की कुछ बैठकें पूर्वोत्तर क्षेत्र में भी करेगा ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले। एक बैठक मिजोरम की राजधानी आइजोल में भी होगी। आइजोल में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट 2022 के उद्घाटन के दौरान केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक पर्यटन कार्यबल गठित करने का फैसला लिया है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में राजमार्गों के किनारे 100 व्यू प्वाइंट बनाए जाएंगे। मिजोरम में नौ व्यू पॉइंट बनाने के साथ इसकी शुरुआत होगी।