आपके डेबिट कार्ड में छिपा होता है इंश्योरेंस कवर, जानिए कैसे उठाए लाभ

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(www.arya-tv.com) देश के कई बैंक डेबिट कार्ड पर भी इंश्योरेंस देते हैं. मगर, ज्यादातर लोग जानकारी के अभाव में इसका फायदा नहीं उठा पाते हैं. अगर आप थोड़ी सी जानकारी और कागज तैयार रखें तो डेबिट कार्ड के साथ उपहार के तौर पर मिलने वाले इस बीमा का लाभ आसानी से उठा सकते हैं. तो आइए समझ लेते हैं कि कैसे डेबिट कार्ड के साथ आने वाले इस बीमा का लाभ उठाया जा सकता है.

सभी प्रमुख बैंक देते हैं यह सुविधा 

कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक और डेवलपमेंट बैंक ऑफ सिंगापुर कुछ ऐसे प्रमुख बैंक हैं, जो अपने डेबिट कार्ड के साथ इंश्योरेंस कवर भी ऑफर करते हैं. इसके लिए आपको कुछ शर्तें भी पूरी करनी होती हैं. इन शर्तों को पूरा करने के बाद ही आप इस लाइफ इंश्योरेंस के हकदार बन पाते हैं. इसके बाद दुर्भाग्यपूर्ण स्थति में एक्सीडेंट से मृत्यु के बाद आपके परिजनों को इस बीमा का लाभ मिल जाता है.

ट्रांजेक्शन से जुड़े नियम जानना बेहद जरूरी 

इन्हीं शर्तों में से एक है तय समय के अंदर कार्ड के जरिए पैसों का लेनदेन करना. आपको अपने बैंक से यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिरकार कितने पैसों का ट्रांजेक्शन करने से आप लाइफ इंश्योरेंस के हकदार हो जाएंगे. दूसरा सवाल यह उठता है कि कार्डधारक की मृत्यु के बाद कैसे नॉमिनी क्लेम कर पाएगा. बैंक आपको यह इंश्योरेंस कवर ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत देता है. इसमें आपको एक्सीडेंट कवर, परचेज प्रोटेक्शन, एयर एक्सीडेंट, कार्ड फ्रॉड आदि से सुरक्षा मिल जाती है. इनमें आपको अलग से पॉलिसी नंबर नहीं मिल पाता. चूंकि, आपके पास पॉलिसी नंबर नहीं होता इसलिए इसका क्लेम करना थोड़ा सा मुश्किल है. कई बैंक इसके तहत एक करोड़ रुपये तक बीमा कवर दे देते हैं.

इन शर्तों को पूरा करने के बाद मिलेगा क्लेम 

बैंकों की तरफ से पहली शर्त मिनिमम ट्रांजेक्शन की रखी जाती है. कोटक महिंद्रा बैंक पिछले 60 दिनों के अंदर कम से कम 500 रुपये के 6 ट्रांजेक्शन की शर्त रखता है. डीबीएस बैंक 90 दिन में एक ट्रांजेक्शन की मांग करता है. एचडीएफसी बैंक 30 दिनों में 1 ट्रांजेक्शन की शर्त रखता है. इसलिए आपको अपने बैंक से इसकी शर्तें जान लेना चाहिए.

एक्सीडेंट में मृत्यु की परिस्थिति में नॉमिनी को तय समय के अंदर सभी डाक्यूमेंट्स के साथ बैंक से संपर्क करना होगा. क्लेम 60 दिनों के अंदर हो जाना चाहिए. हर बैंक के इस संबंध में अलग-अलग नियम हैं. नॉमिनी को क्लेम फॉर्म के साथ कस्टमर का मृत्यु प्रमाणपत्र और केवायसी से जुड़े दस्तावेज जमा कराने होंगे. इन्हें बैंक ब्रांच या कस्टमर केयर को कॉल करके ईमेल के जरिए भी भेजा जा सकता है.

किन डाक्यूमेंट्स की पड़ेगी जरूरत 

  • नॉमिनी का पता और कॉन्टेक्ट डिटेल्स
  • इंश्योरेंस क्लेम फॉर्म
  • ओरिजिनल डेथ सर्टिफिकेट
  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट
  • एफआईआर या पंचनामा (एक्सीडेंट की स्थिति में)
  • स्पॉट पंचनामा, एक्सीडेंट स्पॉट और गाड़ी की फोटो
  • अखबारों की कटिंग
  • इलाज के दौरान मौत होने पर अस्पताल से मिले पेपर
  • सैलरी स्लिप या बिजनेस का प्रकार
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • नॉमिनी न होने पर उत्तराधिकारी सर्टिफिकेट