इंटरचेंज शुल्क खत्म होते ही ‘फोन पे और गूगल पे’ को होगा भारी नुकसान

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नेशनल पेमेंट्स कॉपरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने सभी घरेलू यूपीआई मर्चेंट ट्रांजेक्शन के लिए यूपीआई इंटरचेंज व पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (पीएसपी) शुल्कों को खत्म करने की मंजूरी दे दी है। एनपीसीआई ने शुक्रवार को इससे संबंधित सर्कुलर जारी किया। सर्कुलर के मुताबिक शुल्क में बदलाव एक जनवरी 2020 से लागू होगा। यह शुल्क अभी 30 अप्रैल की अंतरिम अवधि के लिए ये हटाए गए हैं। यह मैंडेट्स, ईएमआई, ओवरड्राफ्टी अकाउंट और ब्रांच टू ब्रांच कलेक्शंस और पेंमेंट्स पर लागू नहीं होगा। यह फैसला मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) समाप्त किए जाने के बाद लिया गया है।

गूगल पे और फोनपे को हो सकता है नुकसान
एनपीसीआई इस फैसले से गूगल पे और फोनपे जैसी पेमेंट गेटवे कंपनियों को नुकसान हो सकता है। इन कंपनियों ने यूपीआई इकोसिस्टम में काफी इन्वेस्टमेंट किया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि जो शुल्क पहले ही ले लिए गए हैं, उनकी वापसी किस तरह होगी। क्योंकि यह आदेश एक जनवरी से लागू होगा ऐसे में इस बीच यूपीआई इंटरचेंज व पीएसपी शुल्क के रूप में ग्राहकों से जो पैसे लिए गए हैं उनकी वापसी को लेकर भी कंपनियों के बीच संशय की स्थिति है।

हर ट्रांजेक्शन पर औसतन 30-35 पैसे की हो रही थी कमाई
इन शुल्कों को समाप्त किए जाने से गूगल पे, फोनपे, अमेजन पे जैसे थर्ड पार्टी एप के लिए यूपीआई ट्रांजेक्शंस पर कमाई की गुंजाइश खत्म हो जाएगी। अभी तक इन थर्ड पार्टी एप को प्रत्येक यूपीआई ट्रांजेक्शंस पर औसतन करीब 30-35 पैसे पीएसपी शुल्क के तौर पर कमाई होती है। ऐसे में इन कंपनियों को पेमेंट गेटवे के कारोबार में बने रहने में मुश्किलें आ सकती हैं।