यूपी के 75 जिलों के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला, शहीदों के नाम पर करने जा रही ये खास काम

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 उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अब पर्यावरण बचाने के साथ ही देश के वीर शहीदों को भी एक नई पहचान देने जा रही है. इसके लिए सरकार ने पूरे प्रदेश में कई विशेष वन विकसित करने का फैसला किया है. इनमें सबसे खास होंगे ‘शौर्य वन’, जो देश के अमर शहीदों और वीर सेनानियों के सम्मान में लगाए जाएंगे. हर जिले में ऐसे वन बसाए जाएंगे ताकि लोगों में देशभक्ति का भाव जागे और पर्यावरण की भी रक्षा हो सके.

यह पहल ‘ग्रीन यूपी’ अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत सरकार राज्य को हरियाली से भर देना चाहती है. वन एवं वन्य जीव विभाग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस योजना की विस्तृत जानकारी दी है. इसमें अटल वन, एकता वन, एकलव्य वन, त्रिवेणी वन, ऑक्सी वन, गोपाल वन और शक्ति वाटिका जैसे प्रेरणादायक वनों के निर्माण की भी योजना है.

प्रेरणा और पर्यावरण का मेल

हर शौर्य वन में स्थानीय लोग मिलकर पौधरोपण करेंगे. यह अभियान सिर्फ पेड़ लगाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे देशभक्ति और प्रेरणा का केंद्र बनाया जाएगा. वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर ‘अटल वन’, सरदार पटेल की स्मृति में ‘एकता वन’ और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर ‘एकलव्य वन’ भी विकसित किए जाएंगे.

शहरी क्षेत्रों में ऑक्सी वन, गौशालाओं में गोपाल वन

शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार नगर निगम और पालिका क्षेत्रों में ऑक्सी वन लगाने जा रही है. इन वनों से वायु की गुणवत्ता बेहतर होगी और शहरी लोगों को शुद्ध वातावरण मिलेगा. इसके साथ ही, गौशालाओं में छायादार और चारा देने वाले पेड़ों से ‘गोपाल वन’ विकसित होंगे, जिससे गायों को चारा मिलेगा और गौशालाएं भी हरी-भरी बनेंगी.

त्रिवेणी वन और शक्ति वाटिका से जुड़ेगी संस्कृति

2025 में होने वाले महाकुंभ की स्मृति में गंगा और यमुना किनारे नीम, पीपल और पाकड़ जैसे धार्मिक महत्व वाले पौधों से त्रिवेणी वन बसाए जाएंगे. इससे आस्था और पर्यावरण दोनों को बल मिलेगा. इसी प्रकार, चैत्र नवरात्रि पर 781 जगहों पर ‘शक्ति वाटिका’ नाम से वन लगाए गए हैं, जो धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना को आगे बढ़ाएंगे.

‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ जल्द शुरू होगा

सरकार ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का दूसरा चरण भी जल्द शुरू करने जा रही है. इसके तहत लोग अपनी मां के नाम से पौधा लगाकर पर्यावरण और भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ावा देंगे. इस पूरी योजना का मकसद पेड़-पौधे लगाकर न सिर्फ पर्यावरण को बचाना है, बल्कि जनभागीदारी के साथ सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करना है. योगी सरकार की यह पहल पर्यावरण प्रेमियों और देशभक्तों दोनों के लिए प्रेरणास्पद बन रही है.