शहर में विरासत वृक्षों पर योगी सरकार का बड़ा फैसला, विशेष दर्जा देगा वन विभाग, 100 से 200 वर्ष पुराने 20 पेड़ों की पहचान

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नवाबों के शहर अपने ऐतिहासिक भवनों और इमारतों के साथ सदियों पुराने वृक्षों को भी विरासत का दर्जा देने जा रहा है। नगर वन विभाग ने शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में 100 से 200 वर्ष से अधिक पुराने 20 पेड़ों की पहचान की है। पीपल, नीम, बरगद, वट वृक्ष और दुर्लभ पारिजात के पेड़ शामिल हैं।

सूची में सबसे उम्रदराज पेड़ मलिहाबाद के दशहरी गांव में आम का पेड़ है। जिसकी उम्र 200 वर्ष से अधिक आंकी गई है। इसे लखनऊ का सबसे पुराना फलदार वृक्ष माना जा रहा है। डीएफओ सितांशु पाण्डेय ने बताया कि नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में पारिजात (हरसिंगार) के तीन पेड़ हैं, जिनकी उम्र 125 से 130 वर्ष है। इनके साथ ही एक अर्र प्रजाति का 130 वर्ष पुराना वृक्ष भी मौजूद है।

विशेषज्ञों के अनुसार पारिजात वृक्षों की आयु लगभग 1000 से 5000 वर्ष तक हो सकती है और इनकी छाल और पत्तियों में कई रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। इसके साथ ही लखनऊ के कुकरैल के जंगल, जिसे शहर का सबसे पुराना पिकनिक स्पॉट कहा जाता है, वहां 12 वृक्षों को चिह्नित किया गया है जिनकी उम्र 100 वर्ष से अधिक है। इनमें से सबसे पुराने पेड़ की उम्र 150 वर्ष आंकी गई है।

प्रमुख स्थान जहां ये वृक्ष मौजूद है इनमें चौधरी पुरवा, शिव विहार, रसूलपुर सादात में पीपल के 100 वर्ष पुराने पेड़, कल्याणपुर में बरगद के 100 वर्ष, जगपाल खेड़ा में नीम के 100 वर्ष, बेहटा बाजार में बरगद के 100 वर्ष, मल्लाहुर में बरगद के 150 वर्ष के साथ गोमतीनगर के विज्ञानपुर भरवारा में पीपल के दो पेड़ 100 और 150 वर्ष के है। डीएफओ ने आगे बताया कि रजौली कुकरैल मे बरगद के 100 वर्ष, बरघुरदारपुर में पीपल के 100 वर्ष तक वृक्ष है

शहर के अन्य विरासत वृक्ष

लखनऊ विश्वविद्यालय के कैलाश हॉस्टल के पास वट वृक्ष- 105 वर्ष

आलमबाग बैकुंठ धाम में पीपल का 100 वर्ष पुराना पेड़

मलिहाबाद मांझी निकरोजपुर में बरगद का 100 वर्ष पुराना पेड़

बीकेटी तिवारीपुर में पीपल का 100 वर्ष पुराना पेड़

क्या है विरासत वृक्ष

जिन पेड़ों की उम्र 100 वर्ष या उससे अधिक होती है, उन्हें विरासत वृक्ष घोषित किया जा सकता है। इसकी पुष्टि कई स्तरों की वैज्ञानिक जांच के बाद की जाती है, जिसमें वृक्ष की छाल, अंग, जड़ और पत्तियों की स्थिति का आंकलन शामिल होता है।

संरक्षित किए जाएंगे विरासत वृक्ष

वन विभाग ने इन सभी पेड़ों को विरासत वृक्ष घोषित कर संरक्षित करने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे न केवल पर्यावरण को लाभ मिलेगा, बल्कि लखनऊ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को भी नई पहचान मिलेगी।