प्रियंका बोलीं- हाईकोर्ट के जज करें UP में मौतों की जांच

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(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे शवों को दफन करने और प्रवाहित करने के खुलासे के बाद हलचल तेज हो गई है। नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन (NHRC) ने पूरे मामले को संज्ञान में लिया है। उत्तर प्रदेश, बिहार और केंद्र सरकार को आयोग ने नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब मांगा है। आयोग ने कहा कि प्रशासन नदियों में शवों और अधजले शवों को गंगा में प्रवाहित करने को लेकर लोगों को समझाने में फेल रही है। यही कारण है कि आज भी लोग शवों को गंगा में प्रवाहित कर रहे हैं। ये नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा प्रोजेक्ट की गाइडलाइन के खिलाफ है।

योगी सरकार हरकत में, मॉनिटरिंग का आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के अफसरों को नदियों के किनारे मॉनिटरिंग करने का आदेश दिया है। योगी ने कहा कि अफसर खुद देखें की कोई शव नदी में न प्रवाहित किया जाए और न ही घाट किनारे दफन हो। इसके लिए हर जिले में नदी किनारे टीमें तैनात की जाए। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम नदियों में जानवरों तक को नहीं फेंकते हैं, इससे जल प्रदूषण फैलता है। इसलिए हमें सख्ती से शवों का जल प्रवाह भी रोकना होगा।

उधर,  कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है। प्रियंका ने 7 मई को  डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित खबर ‘UP के 6 शहरों से LIVE रिपोर्ट: वाराणसी में सड़कों पर दम तोड़ रहे मरीज, गोरखपुर में दिन-रात जल रहीं चिताएं; लखनऊ में हर पल सांसों के लिए जंग’ के ग्राफिक्स को शेयर करते हुए यूपी में कोरोना से हो रहीं मौतों की हाईकोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की है।

प्रियंका बोलीं- सरकार अपनी इमेज बनाने में जुटी है
प्रियंका ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘बलिया, गाजीपुर में शव नदी में बह रहे है और उन्नाव में नदी के किनारे सैकड़ों शवों को दफनाया जा रहा है। लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, कानपुर जैसे शहरों में मौत के आंकड़े कई गुना कम करके बताए जा रहे हैं। सरकार अपनी इमेज बनाने में व्यस्त है और जनता की पीड़ा असहनीय हो चुकी है। इन मामलों पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में तुरंत न्यायिक जांच होनी चाहिए।

अखिलेश यादव ने भी सरकार पर बोला हमला
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखते हुए राज्य सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ले लिखा, ‘यह बहती अस्थियों पर सरकार की जवाबदेही तय होनी चाहिए, आपने लोगों को बुरे हालात में छोड़ दिया। गंगा में तैरती हुई लाशें एक आंकड़ा नहीं है वह किसी के माता-पिता भाई और बहन हैं। जो कुछ हुआ वह आपको अंदर से हिला देगा। सरकार को जवाब देना चाहिए, आखिर लोगों को इतनी बुरी हालात में क्यों छोड़ दिया गया?