Yes Bank ग्राहकों को असाधारण अनुभव देने के लिए वचनबद्ध

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  • यस बैंक ग्राहकों को असाधारण अनुभव देने के लिए वचनबद्ध: प्रशांत कुमार, एमडी और सीईओ

(www.arya-tv.com)भारत के सबसे बड़े वित्‍तीय संस्‍थानों जैसे कि भारतीय स्‍टेट बैंक (एसबीआई) के समर्थन व सहयोग से, यस बैंक में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। ग्राहकों को बैंकिंग का संवर्द्धित अनुभव प्रदान करते हुए, यह उत्तरदायित्‍व की संस्‍कृति के प्रति वचनबद्ध है। पिछली चुनौतियों से मिली सीख को अमल में लाते हुए और अपने ग्राहकों व सभी हितभागियों को सहयोग देने पर लगातार जोर देते हुए, बैंक और अधिक मजबूती के साथ अपने आगे का रास्‍ता गढ़ रहा है।

यस बैंक के एमडी और सीईओ प्रशांत कुमार ने यस बैंक के इस नये रूप के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों का स्‍वरूप भी तैयार कर लिया है। इन रणनीतियों में उत्‍तरदायित्‍वों पर मजबूती से जोर दिया जाना, होलसेल व रिटेल के बीच संतुलित आय मिश्रण, डिजिटल नवाचार के जरिए नये व्‍यवसायों का निर्माण एवं मुद्रीकरण, विकास के अवसरों में लगातार निवेश करते हुए किफायतीपन पर प्रमुखता से ध्‍यान दिया जना तथा जोखिम प्रबंधन, अनुपालन एवं गवर्नेंस के सर्वोच्‍च मानकों का अनुपालन शामिल है।

वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों के लिए जारी एक संदेश में यस बैंक के एमडी व सीईओ, प्रशांत कुमार ने कहा कि हमारे 15,000 करोड़ रु. के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (एफपीओ), जो कि अत्‍यंत चुनौतीपूर्ण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्‍य में वित्‍तीय सेवा क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा फंड रेज है, को सफलतापूर्वक पूरा किया जाना हमारे निवेशकों द्वारा हमारे प्रति प्रदर्शित विश्‍वास का प्रमाण है। यह एक ‘डिजिटल बैंक’ के नये अवतार में बैंक के रूपांतरण की दिशा में पहला लेकिन सबसे महत्‍वपूर्ण कदम है। यह बैंक द्वारा किये जा रहे प्रयासों के लिए एक महत्‍वपूर्ण उपलब्धि एवं बाजार के समर्थन का संकेत है।

श्री कुमार ने आगे बताया कि हम हमारे ग्राहकों को हर कदम पर सहयोग एवं समर्थन देते हुए हमारे प्रयासों को लगातार जारी रखेंगे। हालांकि हममें से अधिकांश लोग विभिन्‍न जगहों पर घरों से ही काम कर रहे हैं या फिर शिफ्ट्स में काम कर रहे हैं, लेकिन हम संकल्‍प एवं समर्पण के साथ लगातार सेवा व सहयोग प्रदान कर रहे हैं और करते रहेंगे। बैंक द्वारा टिकाऊ तरीके से दायित्‍व बढ़ाने, रिटेल और होलसेल की कमाई को संतुलित रखने, व्‍यवसायों के निर्माण एवं मुद्रीकरण और खर्च को नियंत्रित करने पर लगातार जोर दिया जाता रहेगा।