(www.arya-tv.com) कोविड में डॉक्टर बेटे को बचाने के लिए पूरा परिवार आखिरी सांस तक लड़ता रहा। मरीजों को नया जीवन दान देने वाला बेटा खुद को नहीं बचा पाया। कोरोना से संक्रमित हुआ और सभी को छोड़कर चला गया। लोग भले ही भूल गए हों लेकिन बुजुर्ग मां अभी भी बेटे की याद में तड़प रही है। बेटे की यादों को सहेजने के लिए मां ने आठ लाख रुपए कीमत की एक्स-रे मशीन अस्पताल को दान में दी है।
प्रयागराज के रहने वाले डॉ. मुकुल चंद्रा का बेटा अमेरिका में कार्डियोलॉजी के स्पेशलिस्ट था। कोरोना की पहली लहर में मरीजों का इलाज करते करते वह खुद संक्रमित हो गया था। सात महीने तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करता रहा। अंत में 19 अक्तूबर को मौत हो गई। मां शकुंतला देवी बेटे की यादों काे हमेशा जिंदा रखना चाहती हैं। तभी उन्होंने छावनी सामान्य अस्पताल को दान में एक्स-रे मशीन भेंट की है।
असहायों की मदद करने में आगे था बेटा
मां शकुंतला बताती है, “बेटा हमेशा जरूरतमंदों और असहायों की मदद करने में आगे रहता था। वह अमेरिका के डेटन ओहायो के मियामी वैली हास्पिटल में कार्डियोवैस्कुलर सर्विस लाइन के वाइस चेयरमैन और कार्डियक प्रिवेंटिव केयर के डायरेक्टर थे। शकुंतला देवी कहती हैं कि वह अमेरिका में रहता लेकिन भारत हमेशा आता रहता था। यहां से बहुत लगाव था।
डॉ. मुकुल चंद्रा की बड़ी बहन पूनम चंद्रा मित्तल इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। वह कहती हैं, कि भाई 2019 में टैगोर टाउन स्थित घर आया था। बहन ने बताया कि जब वह कोरोना संक्रमित हुए और हालत गंभीर हुई तो उन्होंने कहा, माफ करना बहन मैंने तुम्हें अकेला कर दिया।