शोध में आगे बढ़े फार्मासिस्ट— प्रो.ज्ञान चन्द्र(पीजीआई)
लखनऊ। लखनऊ स्थित आर्यकुल कॉलेज ऑफ फार्मेसी एंड रिसर्च सेण्टर में बुधवार को विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार का विषय “फार्मेसी स्टोर द्वारा सुरक्षित और प्रभावी दवा देना” था। इस सेमिनार का शुभारम्भ कॉलेज के चेयरमैन के.जी सिंह, प्रबंधक निदेशक सशक्त सिंह और मुख्य अतिथि के रूप में एंडोक्राइन और ब्रेस्ट सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ ज्ञान चन्द्र ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इसके बाद कॉलेज के चेयरमैन के.जी सिंह ने सभागार में मौजूद सभी लोगों को फार्मेसी दिवस की बधाई दी। पहले के जमाने में वैद्य नब्जों को पकड़ मरीज की बीमारी का पता लगा लेते थे, जबकि आज पूरा सिस्टम मशीनों पर निर्भर हो गया है। परिणाम स्वरूप कई बार इसका खामियाजा मरीजों को चुकाना पड़ता है।
इसके पश्चात फॉर्मेसी विभाग के प्रोफेसर एन.के अग्रवाल ने कहा कि औषधि की हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका है इसीलिए फार्मसिस्ट केवल औषधि पर निर्भर नहीं रहते, बल्कि वे टेक्नोलोजी और रिसर्च के संपर्क में रहते हैं। इस सेमिनार में ‘ग्लोबल हेल्थ’ से सम्बंधित वीडियो भी दिखाया गया जिसका मकसद लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत करना था।
इस वीडियो के बाद कॉलेज के प्रबंधक सशक्त सिंह ने सभी को फार्मेसी दिवस की बधाई दी और कहा कि ये बच्चे हमारे सामने बैठे हैं वो कल के फार्मासिस्ट हैं। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि डॉक्टर द्वारा दिया गया पर्चा या तो डॉक्टर समझ सकता है या फिर फार्मासिस्ट समझ सकता हैं इसीलिए हमें दवाईयों की समझ होनी चाहिए, क्योंकि एक गलत दवा किसी की जान भी ले सकती है। इसके पश्चात सशक्त सिंह ने प्रो. डॉ ज्ञान चन्द्र को पोडियम पर आने के लिए आमंत्रित किया।
प्रो. डॉ ज्ञान चन्द्र ने सभागार में मौजूद लोगों और निदेशक महोदय को धन्यवाद दिया और बताया कि फार्मासिस्ट की आवयश्कता स्वास्थ्य केयर के लिए निम्न स्तर पर बहुत जरुरी हैं। इसीलिए फार्मेसी की पढ़ाई बहुत मन लगा कर करनी चाहिए, क्योंकि एक फार्मासिस्ट ही है जो एक बार में बहुत से लोगों की जान बचा सकता है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि शहर से ज्यादा जरूरत गांव में फार्मासिस्ट की है जो कि वहां के लोगों की काउंसलिंग कर उन्हें सही दवा दे सके। ज्ञान चन्द्र ने फॉर्मेसी के छात्र—छात्राओं को संबोधित करते हुए ये भी कहा कि कुछ पैसे के लिए अपना केमिस्ट का लाईसेंस किसी को मेडिकल स्टोर खोलने के लिए नहीं देना चाहिए, क्योंकि एक फार्मासिस्ट ही सही दवा मरीज को दे सकता है न कि मेडिकल स्टोर चलाने वाला शख्स।
इसके पश्चात सवाल- जवाब का दौर शुरू हुआ। इसमें छात्र और छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। डॉ. अंकित सेठ ने ‘प्रयोगशाला में सुरक्षा और खतरों के बारे में जानकारी दी। इसमें उन्होंने लैब में प्रयोग करते समय शारीरिक खतरों से कैसे बच सकते हैं इस बारे में बताया। सेमिनार का समापन फॉर्मेसी विभाग के विभागाध्यक्ष बीके सिंह ने सभी सम्मानित अतिथियों का धन्यवाद व्यक्त किया।
इस सेमीनार में कॉलेज के प्रबंधक सशक्त सिंह के साथ रजिस्ट्रार सुदेश तिवारी, विभागाध्य बी.के सिंह और समस्त फॉर्मेसी विभाग के शिक्षकगण और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।