CMO कार्यालय के चक्कर काट रही महिलाएं: नहीं मिल रहा जननी सुरक्षा योजना का लाभ, तीन माह से भुगतान अटका

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जिले की हजारों प्रसूताओं को जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पा रही है। प्रसूताएं अस्पताल और सीएमओ कार्यालय के चक्कर काट रही हैं। आशा कार्यकर्ताओं से भी सही जवाब नहीं मिल रहा। इससे प्रसूताओं में नाराजगी है। अफसर इसका कारण पोर्टल के सॉफ्टवेयर में बदलाव की बात कह रहे हैं, जबकि सूत्रों के अनुसार एनएचएम की ओर से जेएसवाई का बजट ही सीएमओ कार्यालय को नहीं भेजा गया है।

मातृ स्वास्थ्य सुधार के उद्देश्य से संचालित जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की प्रसूताओं को 1400 रुपये और शहरी प्रसूताओं को 1000 रुपये का भुगतान किया जाता है। यह धनराशि प्रसव के बाद पोषण, दवाओं और आवश्यक जरूरतों के लिए दी जाती है। इस लाभ को लेने के लिए गर्भवतियों को प्रसव सरकारी या मान्यता प्राप्त अस्पताल में कराना होता है।

सीएमओ कार्यालय के मुताबिक तीन माह से जेएसवाई का भुगतान पूरे जिले में नहीं हो सका है। महिलाएं अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय के चक्कर काट रही हैं। आशा कार्यकर्ताओं से भी लगातार पूछा जा रहा है कि भुगतान कब तक आएगा, लेकिन उनसे भी जानकारी नहीं मिल पा रही है। सीएमओ कार्यालय से प्रसूताओं की सही संख्या नहीं दी जा सकी है।

डफरिन में बैंक खाता सत्यापन न होने से 1600 भुगतान अटके

वीरांगना अवंतीबाई महिला अस्पताल (डफरिन) में करीब 1600 प्रसूताओं का जेएसवाई का भुगतान नहीं हो सका है। डफरिन की प्रमुख अधीक्षिका डॉ. ज्योति मेहरोत्रा ने बताया कि प्रसूताओं के बैंक की सही जानकारी न होने और भुगतान न होने की वजह से 1600 प्रसूताओं का जेएसवाई का भुगतान नहीं किया जा सका है।

 वहीं इसमें नोडल जेएसवाई व एसीएमओ डॉ. एमएच सिद्दीकी का कहना हैं कि जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसूताओं को जिले में तीन माह से भुगतान नहीं हो सका है। पहले भुगतान पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के माध्यम से किया जाता था। अब सिंगल नोडल अकाउंट (एसएनए) स्पर्श पोर्टल से भुगतान प्रक्रिया शुरू की गई है। पोर्टल परिवर्तन के कारण कुछ तकनीकी समस्याएं आई हैं। इस वजह से देरी हो रही है।