(www.arya-tv.com) गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर मार्च निकालने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई की जा रही है। केंद्र (Centre) ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिकाओं को वापस ले लिया जिसमें 26 जनवरी को किसानों द्वारा प्रस्तावित रैली पर रोक की मांग की गई थी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इसे पुलिस का मामला बताया और कहा कि कोर्ट इस मामले में दखल नहीं देगा। साथ ही कमिटी के दोबारा गठन को लेकर किसान महापंचायत द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। बता दें कि इस कमिटी के चार सदस्यों में से एक ने खुद को अलग कर लिया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे, जस्टिए एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रहमण्यम इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
किसानों की ओर से वकील प्रशांत भूषण और दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस कमिटी के सामने किसान पेश नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा पेश होना न होना उनकी मर्जी है लेकिन कमिटी के ऊपर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं लगा सकते। यह कमिटी यथावत बनी रहेगी और तय समय पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। प्रशांत भूषण ने कहा की किसान कृषि कानूनों में संशोधन नहीं बल्कि इन्हें रद कराना चाहते हैं। किसान अपनी मांग लोकतांत्रिक तरीके से उठा रहे हैं। गणतंत्र दिवस आउटर रिंग रोड पर शांतिपूर्ण ढंग से मनना चाहते हैं।
पहले हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रशासन को क्या करना है और क्या नहीं करना है, यह कोर्ट नहीं तय करेगा। दिल्ली में प्रवेश का सवाल कानून-व्यवस्था का विषय है और दिल्ली में कौन आएगा या नहीं, इसे दिल्ली पुलिस तय करेगी। केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का कहना है कि किसानों की ट्रैक्टर रैली अवैध होगी और इस दौरान दिल्ली में 5000 लोगों के प्रवेश की संभावना है।