कानपुर। (www.arya-tv.com) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर तकनीक के साथ अब चिकित्सा के क्षेत्र में भी लंबी छलांग लगाने की तैयारी में है। यहां राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से मान्यता लेकर स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना की जाएगी। जटिल बीमारियों पर शोध आधारित कोर्स पढ़ाने के साथ ही इलाज के अत्याधुनिक तरीके खोजे जाएंगे।
आइआइटी प्रशासन यहां मल्टी सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल भी बनाएगा, इसके लिए परिसर में ही जगह तय हुई है। देश विदेश के पुरातन छात्रों से फंड जुटाने के लिए संपर्क किया जा रहा है। अस्पताल स्थापना की कार्यवाही आगे बढ़ाने को शासन से संस्थान अधिकारियों की बातचीत चल रही है।
साथ ही चिकित्सा शोध पाठ्यक्रमों पर भी मंथन जारी है। फिलहाल डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन (डीएम), डिप्लोमेट आफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) की पढ़ाई पर सहमति बनी है। आगे और पाठ्यक्रम भी बढ़ाए जा सकते हैैं।
आइआइटी कानपुर ने पिछले कुछ वर्षों में चिकित्सा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण शोध किए हैं। कई चिकित्सा उपकरणों के प्रोटोटाइप मॉडल विकसित किए गए हैं। कोरोना काल में सैनिटाइजिंग टनल, कोरोना किलर बॉक्स, सैनिटाइजेशन रूम और वेंटीलेटर आदि बनाए गए जबकि उससे पहले न्यूनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआइसीयू) में भर्ती बच्चों के लिए चेंबर, कृत्रिम लिवर, कृत्रिम त्वचा, इलेक्ट्रो स्ट्रिप डिवाइस, ब्रेन मैपिंग डिवाइस, शिफ्शिटंग स्ट्रेचर तैयार हुए।
दो साल पहले आइआइटी के कई शोधार्थी किंगजार्ज मेडिकल यूनिवॢसटी (केजीएमयू) और संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट आयुॢवज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) लखनऊ गए थे। वहां डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ संग रहकर समस्याएं जानीं। वापस आकर स्टार्टअप शुरू किए तो आइआइटी प्रशासन ने इसकी रूपरेखा तैयार की।