कृषि कानूनों को रद्द कराकर ही जाएंगे वापस : टिकैत

National

नई दिल्ली।(www.arya-tv.com) कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के 28वेें दिन भी किसानों ने साफ कहा कि वे नए बने कृषि कानूनों को रद्द करने से कम कुछ भी नहीं मानेंगे। भारतीय किसान यूनियन  के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान तैयार हैं, भले ही मुद्दों को हल करने में एक महीने से अधिक समय लगे।

राकेश टिकैत ने कहा, हमें कृषि मंत्री से अभी तक कोई बैठक का निमंत्रण नहीं मिला है। किसानों ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार सभी 3 कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक वे वापस नहीं जाएंगे। सभी मुद्दों को हल करने में एक महीने से अधिक समय लगेगा। सरकार हमारे पास आएगी।

उन्होंने कहा, हम किसी को असुविधा नहीं पहुंचा रहे हैं। कल, किसान केवल दिल्ली-गाजीपुर मार्ग पर कुछ मिनट के लिए यात्रियों से बात कर रहे थे और किसी भी सड़क को बंद नहीं किया था। किसानों ने यात्रियों से कहा कि वे अपने घर पर भी किसानों के मुद्दों पर चर्चा करें। वहीं आज प्रदर्शनकारी किसानों ने गाज़ीपुर (दिल्ली-गाजियाबाद) सीमा को पूरी तरह से बंद कर दिया। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर दिल्ली से गाजीपुर और गाजियाबाद की ओर जाने वाला यातायात प्रभावित हुआ, क्योंकि दोनों ओर के मार्ग यातायात के लिए बंद हो गए।

किसानों ने दिल्ली से गाजियाबाद जाने के लिए गाजीपुर बॉर्डर यातायात के लिए बंद कर दिया, जबकि गाजियाबाद से दिल्ली के लिए यातायात के लिए पहले से ही बंद था। जिसके बाद आनंद विहार, अप्सरा, भोपरा, डीएनडी के माध्यम से आगे की यात्रा के लिए निजामुद्दीन खट्टा, अक्षरधाम और गाजीपुर चौक से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया।इस बीच, दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने केंद्र पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह किसानों के साथ एक टकराव में लगी हुई है।

आप नेता राघव चड्ढा ने कहा, मोदी सरकार किसानों के साथ इस अहंकार में फंसती दिख रही है। भारतीय किसानों की मांगें वाजिब हैं। केंद्र को इस अहंकार को दूर करने देना चाहिए और किसानों की सभी मांगों पर सहमत होना चाहिए। सरकार को तत्काल प्रभाव से तीन काले कानून रद्द करने चाहिए।