(www.arya-tv.com) अक्सर वंदे भारत ट्रेन से मवेशियों के टकराने की खबरें आती रहती हैं. कभी वंदे भारत ट्रेन से गाय टकराती है तो कभी कुत्ते या बकरी. लेकिन, इन मवेशियों के टकराने पर वंदे भारत ट्रेन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाता है या फिर टूट जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्रेन को इतना कमजोर बनाया गया है कि छोटे जानवरों के टकराने से भी डिजाइन टूट जाती है.
इन सवालों का जवाब रांची रेल मंडल के सीनियर डीसीएम निशांत कुमार ने दिया. निशांत ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन कमजोर नहीं, बल्कि इसका स्ट्रक्चर थोड़ा अलग है. आमतौर पर भारत में ट्रेन स्टील व लोहे का इस्तेमाल होता है, जो काफी मजबूत होता है. जब सामान्य ट्रेन के इंजन से कोई मवेशी टकराता है तो ट्रेन रुकती जरूर है, लेकिन इंजन की बॉडी पर असर नहीं पड़ता. लेकिन वंदे भारत ट्रेन की डिजाइन थोड़ी अलग है.
इसलिए क्षतिग्रस्त होती है ट्रेन
निशांत कुमार बताते हैं कि वंदे भारत ट्रेन के क्षतिग्रस्त होने का कारण इसकी डिजाइन का एल्युमिनियम से बना होना है. ट्रेन की बॉडी भी इसी की बनी है. इसमें स्टील और लोहे की मजबूती नहीं होती. साथ ही वंदे भारत ट्रेन बाकी ट्रेनों से काफी तेज चलती है. तेज रफ्तार में अगर कोई छोटा सा भी ऑब्जेक्ट ट्रेन से टकराएगा तो उसका जोरदार इफेक्ट होना लाजमी है.
इसलिए बनाई गई हल्की
आगे बताया कि वंदे भारत ट्रेन को एल्युमिनियम से इसलिए बनाया गया ताकि वह हल्की रहे. अगर आपको किसी चीज को बहुत स्पीड से चलाना है, तो उसका हल्का होना जरूरी है. यही कारण है कि वंदे भारत ट्रेन को एलुमिनियम से बनाया गया है ताकि ट्रेन का वजह हल्का रहे और वो तेजी से चल सके.
आरपीएफ करती है निगरानी
सीनियर डीसीएम निशांत कुमार ने बताया कई बार रेल की पटरी के पास लोग अपने मवेशी चराने के लिए ले जाते हैं. लेकिन, अब आरपीएफ जवान लोगों को थोड़ा जागरूक कर रहे हैं. समय-समय पर वंदे भारत के रूट के पास आकर निगरानी भी करते हैं, ताकि कोई भी मवेशी ट्रेन के पास न आ जाए. अब लोग जागरूक भी हो रहे हैं. हमारी कोशिश और लोगों से अपील भी है कि अपने मवेशी को पटरी से थोड़ा दूर चराएं. इससे न सिर्फ ट्रेन का नुकसान बचेगा, बल्कि मवेशी की जान भी बचेगी.