अमेरिका ने क्यों किया यमन के हूथी ठिकानों पर हमला, कौन हैं ये विद्रोही

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(www.arya-tv.com)लाल सागर मार्ग में मालवाहक जहाजों पर बार-बार हमले और अपहरण की घटनाओं के अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हूथी विद्रोहियों के खिलाफ संयुक्त हवाई हमले शुरू कर दिए हैं. यमनी राजधानी सना और बंदरगाह शहर अल हुदायदाह में भारी विस्फोट की सूचना मिली है.हवाई हमलों का उद्देश्य आतंकवादी समूह के हमलों के स्रोत पर हमला करना और उनकी कार्रवाइयों को रोकने के साथ उन्हें एक कड़ा संदेश देना है. अमेरिका के नेतृत्व में हवाई हमले सेक्रेट्री एंथनी ब्लिंकन की यात्रा के कुछ ही घंटों बाद हुए. जानते हैं कि ये हूथी विद्रोही कौन हैं और हवाई हमले क्यों शुरू किये गए.

सवाल – अमेरिका ने यमन पर हवाई हमला क्यों किया?
– दरअसल पिछले साल नंवंबर के बाद ईरान द्वारा समर्थित यमनी विद्रोही समूह हौथिस जिन्हें हूथी भी कहते हैं, ने लाल सागर और स्वेज़ नहर के माध्यम से चलने वाले जहाजों पर दर्जनों हमले किए हैं, इसमें ब्रिटेन से लेकर भारत और कई अन्य देशों के जहाज प्रभावित हुए. ये एक महत्वपूर्ण शिपिंग मार्ग है जिसके माध्यम से विश्व व्यापार का 12 प्रतिशत गुजरता है.

हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन सहित मुट्ठी भर सहयोगियों ने जवाबी हमला जरूर किया, लेकिन ये नाकाफी था. जब हूथी विद्रोही नहीं माने और ये लगा कि लाल सागर में हालात नहीं सुधरने वाले तो स्थानीय समयानुसार शुक्रवार तड़के अमेरिकी वायुसेना के विमानों ने यमन के अंदर हूथी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए.

सवाल – क्या अमेरिका ने इस हमले का संकेत दिया था?
– बिल्कुल अमेरिका लगातार हूथी विद्रोहियों को चेता रहा था. साथ में यमन से भी कार्रवाई को कह रहा था. हूथी ठिकानों पर हमला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा व्यापारी और वाणिज्यिक जहाजों पर हौथिस द्वारा किए गए कम से कम दो दर्जन हमलों की “कड़े शब्दों में” निंदा करने के लिए मतदान के एक दिन बाद हुआ, जिसमें कहा गया था कि इसने वैश्विक वाणिज्य को बाधित किया है, जिससे समुद्र में व्यावसायिक आवाजाही की स्वतंत्रता को कमजोर हुई है.

सवाल – हूथी कौन हैं?
– हूथी शिया विद्रोहियों का एक ईरान समर्थित समूह है, जो लगभग दो दशकों से यमन की सरकार से लड़ रहे हैं. अब देश के उत्तर-पश्चिम और इसकी राजधानी सना पर नियंत्रण रखते हैं.
हूथी विद्रोही इज़राइल और संयुक्त राज्य अमेरिका के विरोध की विचारधारा पर काम करते हैं. वो खुद को गाजा पट्टी में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ ईरानी नेतृत्व वाली “प्रतिरोध की धुरी” का हिस्सा मानते हैं. उनके नेता अक्सर यमन में उनकी सेना पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किए गए अमेरिकी निर्मित बमों और इज़राइल को भेजे गए हथियारों को अपने खिलाफ देखते हैं.

सवाल – हूथी की बड़ी कार्रवाई या विद्रोह क्या रहा है?
– वर्ष 2014 में, हूथी द्वारा यमन की राजधानी पर कब्ज़ा करने के बाद जब सऊदी अरब के नेतृत्व में एक सैन्य गठबंधन ने देश की मूल सरकार को बहाल करने की कोशिश में हस्तक्षेप किया तो वहां गृहयुद्ध शुरू हो गया. जिसमें सैकड़ों हजारों लोग मारे गए. कुल मिलाकर हालत ये है कि उत्तरी यमन पर हूथियों का कब्जा है तो बाकि हिस्सों में यमन की आधिकारिक सरकार का.

सवाल – क्या समय के हूथी मजबूत हुए हैं, उन्हें हथियार कौन देता है?
– एक समय खराब संगठित विद्रोहियों का समूह रहे हूथियों ने हाल के वर्षों में खुद और अपने शस्त्रागार को मजबूत किया है. अब उनके पास क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें और लंबी दूरी के ड्रोन शामिल हैं. बताया जाता है कि ईरान की मदद से उन्होंने ऐसा किया है.